मन्नत, दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली में रोहणी स्थित एक पार्क ऐसा भी है, जिसकी देखभाल नगर निगम हार्टिकल्चर विभाग नहीं, बल्कि आरडब्ल्यू करता है। पार्क की हालत को देखकर ऐसा लगता है, जैसे हॉर्टिकल्चर विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर हैं। पार्क इतने बदहाल हैं कि लोग अब खुद अपने खर्चे और परिश्रम से पार्क में पेड़ों के टहनियों की कटाई—छंटाई के साथ—साथ साफ—सफाई का भी काम करने लगे हैं।
रोहिणी सेक्टर-8 के पॉकेट-ई15 और डी16 के मध्य बने इस पार्क में जहां—तहां बड़ी—बड़ी घास उग आई हैं। जगह—जगह कूड़े का अम्बार लग हुआ है। पार्क की यह एक बड़ी समस्या बन चुकी है। दिल्ली दर्पण टीवी की टीम ने जब इस पार्क का जायजा लिया तब कई चौंकाने वाली बातें सामने आई। रिपोर्टर को पेड़ों की टहनियां काटते आरडब्ल्यू के लोग मिले तो कटी टहनियां और सूखी लकड़ियां, पत्ते आदि इधर—उधर बिखरे पाए गए। बड़ी घास और फूटपाथ के किनारे कूड़े के ढेर की पार्क में आए बुजुर्गों ने शिकायत की।
न पेड़ों के टहनियों की छंटाई और न गंदगी और दुर्गंध से निजात
स्थानीय RWA के लोगों ने बताया कि स्थानीय निगम प्रशासन और जनप्रतिनिधिओं को लगातार शिकायत करने के बावजूद कोइ सुनवाई नहीं हुई। उसके बाद वे खुद आगे आ गए हैं। उन्होंने अपने औजार के साथ खुद ही पेड़ो की छंटाई करने लगे हैं। इसकी गवाह है पार्क में बड़ी तादाद में पाई जाने वाली टहनियां।
इनसे भी बड़ी विकट समस्या बन चुकी है। यही नहीं पार्क में अंधेरा रहता है। टहनियां और डालें आसपास के घरों तक पहुंच जाती हैं, जिनक छंटनी जरूरी है। इसी वजह से स्थानीय लोगों ने ही इसका जिम्मा ले लिया है। आरडब्लूए के लोग अपनी सुविधा और समय की उपलब्धता के अनुसार पार्क में आकर यह काम करते हैं। उनके द्वारा काफी हद तक पेड़ों की छंटाई तो हो गयी, लेकिन दूसरी समस्या टहनियों को वहां से हटाने की है।
कूड़े की दुर्गंध से हुआ पार्क में बैठना लोगो का आना कम
इस बारे में आरडब्लूए के महासचिव सुरेश खन्ना ने विस्तार से बताया कि उन्होंने कैसे इस काम को मैनेज किया है। इसी तरह से ई—16 के अनिल अग्रवाल और सुरेंद्र कुमार ने भी बताया कि बात केवल पेड़ों की कटाई-छंटाई की ही नहीं है, बल्कि पार्क में बड़ी—बड़ी घास भी लोगों के लिए समस्या बनी हुई है। फूटपाथ के किनारे कूड़े के ढेर से दुर्गंध आती रहती है, जिससे पार्क में बैठना मुश्किल हो गया है। नतीजा लोग कम आतें है।
एक बुजुर्ग ने बताया कि शाम होते ही यहां असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है। पार्क में बहार से आये लड़के—लड़कियाँ ऐसी हरकतें करते हैं कि पार्क में सैर को आने वाले लोग शर्मासार हो जाते हैं।
हॉर्टिकल्चर विभाग के कर्मचारी भी करते है केवल कागज़ों में काम
हद तो यह है कि रोहिणी सेक्टर -8 में मुख्य सड़क पर स्थित इस पार्क की बदहाली किसी को नजर में नहीं आती। स्थानीय निगम प्रशासन का कहना है कि वेतन नहीं मिलाने से कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं। हालांकि इस पार्क की हालत को देखकर तो लगता है यहाँ हॉर्टिकल्चर विभाग के कर्मचारी भी केवल कागज़ों में काम कर रहे हैं। इस मामले में स्थानीय निगम पार्षद अलोक शर्मा का कहना है कि इस पार्क की सफाई जल्द ही करवा देंगे। उनका कहना है कि फ़िलहाल कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने और आर्थिक संकट की वजह से यह समस्या सामने आयी है