पुनीत गुप्ता , संवाददाता
दिल्ली।। दिल्ली नगर निगम बेशक भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा हो, लेकिन इसका असर नगर निगम के बड़े अधिकारीयों पर नहीं है। निचले स्तर के कर्मचारी और सफाई कर्मचारी वेतन नहीं मिलाने से भारी संकट में है लेकिन वहीँ इस कोरोना काल में भी नगर निगम के अधिकारी जमकर चांदी काट रहे है। निगम में सबसे बदनाम बिल्डिंग विभाग अभी भी भ्र्ष्टाचार का सबसे बड़ा अड्डा बना हुआ है। नार्थ एमसीडी के रोहिणी और नरेला जोन में कोरोना साल में ही बड़ी पैमाने पर अवैध निर्माण हुए है। एक अनुमान के अनुसार रोहिणी और नरेला जोन में अभी भी करीब ढाई हज़ार निर्माण कार्य हो रहे है। इन सबसे करोड़ों रुपये की अवैध वसूली नगर निगम और पुलिस प्रशासन से हो रही है। कहने की जरूरत नहीं की इसमें स्थानीय नेताओं की भी पूरी भूमिका और भागीदारी रहती है।
भ्र्ष्टाचार का खेल कितना बड़ा है रोहिणी के सेक्टर -24 के साथ लगती दीप विहार कॉलोनी इसका इसकी बड़ी बानगी है। मुख्य मार्ग से लगती लेकिन छिपी हुयी होने के कारण इसकी और किसी का ध्यान नहीं गया। इसकी कीमतें अचानक बढ़ी को ध्यान गया। कुछ ही सालों में दीप विहार में बड़ी और भव्य बिल्डिंगें बन गयी। बेशक पास कॉलोनियों में इसक कॉलोनी का भी नाम है लेकिन अभी तक इसकी रजिस्ट्री नहीं खुली है। हर बार चुनाव के समय केवल घोषणा होती है। इस बार भी हुयी लेकिन यह साफ़ नहीं हुआ कि कच्ची कॉलोनियों में रजिस्ट्री का आधार क्या है ? इसका फायदा नगर निगम व् नेताओं की मिली भगत ने खूब उठाया। एक अनुमान के अनुसार यह से करोड़ों रुपये की अवैध कमाई प्रशासन कर रहा है। नाम न छपने की शर्त पर कुछ प्रॉपर्टी डीलर कहतें है ” यदि इस कॉलोनी की रजिस्ट्री शुरू हो जाये तो करोड़ों रूपया सरकार के खजाने में आ सकता है , लेकिन अधिकारीयों से लेकर दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार की इसमें कोई रूचि नहीं है ” इनकी रूचि केवल निजी कमाई यानि अवैध वसूली में ही है। कॉलोनी पास है फिर भी हर लेंटर पर भारी रिश्वत देनी पड़ रही है।
नार्थ एमसीडी नरेला ज़ोन के चैयरमैन जयेन्द्र डबास ने भी विगत दिनों दीप विहार का दौरा किया। अपनी पत्रिका के सहयोगी चैनल दिल्ली दर्पण टीवी भी इस दौरे के दौरान साथ रहा। जयेन्द्र खुद हैरान थे की इतने बड़ी पैमाने पर अवैध निर्माण हो रहा है और अधिकारी आँखे मूंदे बैठे है। डबास ने आश्वाशन दिया की इस कॉलोनी की रजिस्ट्री जल्द से जल्द खुलें और इन्हे राहत मिले और नगर निगम की आय बढे इसके प्रयास किये जायेंगे। साथ ही भरोसा दिया की भ्र्ष्ट अधिकारीयों के खिलाफ करवाई की जाएगी।
एक महीना बीत जाने के बाद भी कोई करवाई नहीं की गयी। रोहिणी से सटे होने के कारन दीप विहार में प्रॉपर्टी के दाम तेज़ी से बढ़ रहे है और उसी तेज़ी से रिश्वत के दाम भी बढ़ रहे है। प्रॉपर्टी के दाम बढ़ने की वजह भी यही है। रोहिणी जोन में भी बिल्डिंग विभाग जमकर चांदी काट रहा है। एक अनुमान के अनुसार करीब 500 से 600 निर्माण कार्य रोहिणी में चल रहे है। यहाँ नक़्शे तो पास होते है लेकिन पास नक्शों के अनुसार निर्माण नहीं होता। इसी को आधार मान कर निर्माण कार्य को अवैध बताकर निगम अधिकारी जमकर वसूली कर रहे है। रोहिणी और नरेला दोनों जोन चैयरमैन बीजेपी के ही है। नयी चहेरे नयी उड़ान का नाम देकर निगम में सभी नए चहरे लाकर बीजेपी ने भ्र्ष्टाचार पर लगाम लगाने कोशिस की थी ,लेकिन नए चहरे तो सचमुच भ्र्ष्टाचार की नयी उड़ान भर रहे है। विपक्ष में बैठी आम आदमी पार्टी भी केवल सदन में और प्रेस में ही भ्र्ष्टाचार के खिलाफ केवल जुबानी जंग करती नजर आती है।