नेहा राठौड़, संवाददाता
नई दिल्ली।। कृषी कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को आज शनिवार को 31 दिन हो गए है, लेकिन सरकार और किसान संगठनों के बीच कोई समझौता होता नज़र नहीं आ रहा है। केंद्र सरकार और किसान संगठनों के नेताओं के बीच कई बार बातचीत हुई पर सभी विफल रही।
शुक्रवार को राष्ट्र राजधानी दिल्ली के द्वारका में एक रैली को संबोधित करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्र मंत्री रामनाथ सिंह ने एक बीच का रास्ता सुझाते हुए कहा इस कि इस कानून को 1-2 साल लागू करके देखते है अगर इस कानून से किसानों को फायदा नहीं हुआ तो सरकार इसमें संसोधन के लिए तैयार रहेगी।
रक्षा मंत्री ने आंदोलनकारी किसानों को आपने ही लोग बताते हुए कहा कि ‘ मैं भी किसान का बेटा हूँ ‘, उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि मोदी सरकार ‘कभी ऐसा कुछ नहीं करेगी जो किसानों के हित में नहीं हो।’ उन्होंने कहा कि धरने पर बैठे लोग किसान है और किसान परिवारों में जन्में है। हम उनके प्रति बहुत सम्मान रखते है।
सिंह ने किसानों से आपील की कि एक बार इस कानून का 1-2 साल प्रयोग करके देखें यदि इस कानून से किसानों को कोई लाभ नहीं पहुंचता है तो सरकार इसमें हर संभव संसोधन करेगी। उन्होंने किसानों से आगे आ कर बातचीत करने की आपील करते हुए कहा कि हर समस्या का हल बातचीत से ही निकाला जा सकता है और प्रधानमंत्री बातचीत के पक्ष में है। इसलिए बातचीत का न्योता भेजा है।