Friday, April 26, 2024
spot_img
Homeअन्यआखिर कब गाया गया पहली बार राष्ट्रगान ?

आखिर कब गाया गया पहली बार राष्ट्रगान ?

नेहा राठौड़, संवाददाता

नई दिल्ली।। किसी भी देश की पहचान उसके राष्ट्रगान और झंडे से होती है, और भारत की पहचान उसके तिरंगे और राष्ट्रगान “ जन गण मन” से है। हम सब जानते हैं कि राष्ट्रगान रबीन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था, लेकिन यह बहुत कम लोग जानते हैं कि राष्ट्रगान पर भी कई विवाद हुए थे। राष्ट्रगान विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद किये जा चुके हैं। यह उर्दू, अंग्रेजी में भी गाया जाता है।

राष्ट्रगान किसने लिखा यह तो सब जानते हैं, पर यह पहली बार कब और कहां गाया गया ये बहुत कम लोग जानते हैं। यह पहली बार कलकत्ता में आज ही के दिन यानी 27 दिसंबर 1911 को गाया गया था।रविंद्रनाथ टैगोर को सब जानते हैं। उन्होंने कई गीत लिखे और कई गीतों को अपनी आवाज दी। जिसके बाद से उन्हें गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर के नाम से जाना जाने लगा।


किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि राष्ट्रगान आज जिसे राष्ट्रध्वज फहराते वक्त और परेड के साथ केंद्र व राज्य सरकारों के कार्यक्रमों में बजाया या गाया जाता है और दूरदर्शन, ऑल इंडिया रेडियो पर राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्र को संबोधित करने से ठीक पहले और ठीक बाद में बजता है उस पर कभी विवाद छिड़ा होगा।


विवाद राष्ट्रगान में एक शब्द सिंध को लेकर हुआ। उसपर आपत्ती जताई गई थी। इस शब्द को राष्ट्रगान से हटाने की मांग सुप्रिम कोर्ट तक गई। आपत्ती जताने वालों का कहना था कि सिंध अब पाकिस्तान में है। इसका नाम भारतीय राष्ट्रगान में नहीं होना चाहिए। इस पर और भी कई विवाद हुए हैं। इसका कभी कोई अपमान न कर सके इसलिए कड़े नियम भी बनाए गए, जिनके तहत राष्ट्रगान को 49 से 52 सेकंड के बीच में पूरा गाया जाना चाहिए।जब भी राष्ट्रगान गाया जाएगा वहां मौजूद लोगों को खड़ा रहकर उसका सम्मान करना है


राष्ट्रगान में पांच पद हैं, जिनमें से राष्ट्रगान के ‘जय हो’ शब्द को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपनी ‘आजाद हिंद की फौज’ में 1912 में अपनाया था। “जन गण मन” को 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगीत की मान्यता दी गई थी।भारतीय संविधान में नियमों को तोड़ने वालों के लिए सजा का भी प्रावधान भी दिया गया है।


राष्ट्रगान का अपमान करने या इसे गाने से रोकने या परेशान करने पर संबंधित व्यक्ति अथवा ग्रुप के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट-1971 की धारा-3 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसके अपमान का दोषी पाए जाने पर तीन वर्ष कारावास और जुर्माने का भी प्रावधान है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments