Saturday, May 18, 2024
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2020 में क्या था नया ?

शिवानी मोरवाल, संवाददाता

नई दिल्ली।।लोगों ने 2020 की शुरुआत काफी गर्मजोशी के साथ की थी। पर साल के अंत ये जोश मायूसी में बदल गया। बात करे 2020 की तो जनवरी की शुरुआत लोगों ने नए साल, नई उम्मीद और नए जोश के साथ की थी। पर किसी को ये नही पता था की ये जोश लॉकडाउन में कही गुम सा हो जायेगा। जिसके बाद फरवरी का महीना होली के रंग में निकला पर किसी को ये अंदाजा नहीं था की होली के बाद बाकी सारे त्यौहार बेरंग हो जायेगें।

पर जब मार्च आया तो कोरोना ने अपना आतंक दिखाना शुरु कर दिया था। जिसके कारण देश में पहले 1 दिन का कफ्यू लगाया जिससे लोगों को उम्मीद थी की कोरोना कुछ दिनों का ही है पर किसी को ये नहीं पता था की ये लोगों की जिंदगी का हिस्सा बनकर ही जायेगा। एक दिन के कफ्यू के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्पूर्णं भारत में 21 दिन का लॉकडाउन को घोषित कर दिया। जिसके बाद 21 दिन का लॉकडाउन लोगों के लिए काफी परेशानियों से भरा दिखा।

जब अप्रैल आया तो कोरोना का कहर और तेजी से बढ़ने लग गया या ये कहें कि कोरोना ने अपना असली रुप दिखाना शुरु कर दिया।जिसके कारण 21 दिन के लॉकडाउन और आगे बढ़ा दिया जिससे और काफी परेशानियां झेलनी पड़ी। पर जब भी लोगों को उम्मीद थी की मई में कोरोना पर काबू पा लिया जायेगा पर जैसे ही मई आई तो लोगों की उम्मीद टूटती दिखी क्योकि लॉकडाउन को ओर आगे बढ़ा दिया गया। जिसके काऱण सभी के काम-धंधे पर असर पड़ने लग गया क्योकि मार्च से लेकर मई तक सभी काम-धंधे पूरी तरह से ठप थे। पर जब देश की अर्थव्यावस्था बिगड़ने लगी तो सरकार ने लॉकडाउन को आनलॉक में बदल दिया।

देश में पहले आनलॉक की शुरुआत 1 जून से 30 जून तक की हुई जिसमें लोगों को बहार निकलने की थोड़ी आजादी दी गई। पर कोरोना का कहर जब भी नही थमा। एक तरफ जहां देश को बंद हुए दिन पर दिन होते जा रहै थे ठीक उसी तरह कोरोना का कहर भी बढ़ता जा रहा है। जिसके काऱण जून के महीने में सबसे ज्यादा कोरोना से मौत हुई। पर जब जुलाई आया तो कोरोना की स्पीड में थोड़ी रुकावट आई। जिसके बाद 1 जुलाई से आनलॉक 2 की शुरुआत हुई जिसमें उड़ानो की संख्य़ा में विस्तार किया गया। और साथ ही नाईट कर्फ्यू पर भी ढील की गई थी। पर जब अगस्त आया तो देश के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए कोरोना वैक्सिन का जिक्र किया। जिससे लोगों में आशा की नई किरण जागने लग गई।

लोगों को उम्मीद थी की देश जल्द ही कोरोना वैक्सिन बना लेगा। जिससे सब पहले जैसा हो जायेगा। पर महीनों पर महीनें बढ़ते गए जिसमें कई कोरोना वैक्सिन का जिक्र भी हुआ और कितनों का फेज ट्रायल भी शुरु हो गया था। पर जैसे ही दीवाली नजदीक आई तो कोरोना और प्रदूषण ने अपना कहर शुरु कर दिया। जिसका सबसे ज्यादा असर देश की राजधानी दिल्ली में दिखा। अक्टूबर और नवंबर में राजधानी दिल्ली में सबसे ज्यादा कोरोना कहर दिखा जिससे लोगों को डर था की कही फिर से लॉकडाउन की स्थित ना बन जाए क्योंकि त्योहारों के आते ही बाजारों मे फिर से पहले जैसी भीड़ उमडनें लग गई थी। जिससे खतरा भी बढ़ता जा रहा था।

अगर बात करे बाजारों की छुट की तो दिल्ली में बढ़ते कोरोना को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली के मुख्यंमत्री को फटकार लगाई थी। जिसके बाद दिल्ली सरकार एक्शन मे आई। एक्शन में आते ही दिल्ली सरकार ने पहले बिना मास्क के घूमते लोगों पर 500 की जगह 2 हजार का चालान करना शुरु कर दिया। जिसके चलते दो बाजारों पर भी रोक लगा दी थी। जिससे कहीं ना कहीं लोगों मे कोरोना के प्रति डर फिर से जगने लगा गया।

जिसके बाद दिसंबर में जल्द वैक्सिन आने की उम्मीद जागती रही तो वही कोरोना की रफ्तार भी कम होती रही। पर किसी को ये नही पता था की इस बार नया साल नई उम्मीद, नए जोश नहीं बल्कि एक ओर नई बिमारी लेकर आ रहा है। या ये कहें की कोरोना का दूसरा रुप सामने आने को तैयार है। हम बात कर रहै ब्रिटेन में तेजी से फैले स्ट्रेन की, उसके मिलने से एक बार फिर सभी देशों में डर का माहौल पैदा हो गया है।

जिसमें अब इसकी भारत में भी फैलने की आशंका बन गई है। इसे देखते हुए भारत सरकार ने तुरंत निर्णय लेते हुए 22 दिसंबर की आधी रात से ब्रिटेन से आने जाने वाली सभी उड़ाने पर 31 दिसंबर रोक लगा दी है। तो वही दूसरी ओर देखे तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि डरने की कोई बात नहीं। ब्रिटेन में वायरस के नया रुप को भारत में फैलने से रोकने के लिए सरकार पूरी तरह सतर्क है। अब ये देखना बड़ा दिलस्प होगा की कोरोना के दुसरे रुप का सरकार कैसे सामना करती है।

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