पुनीत गुप्ता, संवाददाता
रोहिणी, नॉर्थ दिल्ली।। पिछले 6 महीने से सैलरी नहीं मिलने से नाराज दिल्ली नगर निगम स्कूलों के टीचर्स भी आंदोलन पर उतर आएं है। आज दिल्ली नगर निगम के टीचर्स ने रोहिणी जोन कार्यालय पर प्रदर्शन किया और नार्थ एमसीडी मेयर का पुतला फूंका। साथ ही यह भी ऐलान किया कि जब तक उन्हें वेतन नहीं मिलता उनकी हड़ताल जारी रहेगी। इन हड़ताली निगम शिक्षकों ने मधुबन चौक तक पैदल मार्च भी किया जिसमें सैकड़ों टीचर्स शामिल हुए।
पिछले 6 महीने से अपने वेतन इंतजार कर रहे शिक्षकों के सब्र का बांध अब टूट चुका है। यही वजह है अब निगम कर्मचारियों के बाद निगम के शिक्षक भी सड़कों पर उतर आए हैं।
बता दें की यह हाल एमसीडी शिक्षा विभाग का ही नहीं बल्कि निगम के हर विभाग का यही हाल है। सबसे अधिक संकट नार्थ एमसीडी में ही है। लेकिन वेतन ना मिलने के कारण हड़ताल पर गये निगम कर्मचारियों की वजह से अब पूरी एमसीडी ठप्प पड़ गयी है। लेकिन जिन्हे इस समस्या का समाधान निकलना चाहिए वह आपस में जिम्मेदारी और जबाबदेही की जंग लड़ रहे है। इनका कहना है कि नगर निगम दिल्ली सरकार पर फण्ड नहीं देने का आरोप लगा रही है तो दिल्ली सरकार इस आर्थिक तंगी की वजह भ्र्ष्टाचार बता रही है।
कर्मचारियों का कहना है कि राजनीतिक पार्टियों के लिए यह सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा है लेकिन हमारे लिए यह रोजी रोटी का सवाल है। एमसीडी कर्मचारी यूनियन के मेंबर कुलदीप ने कहा कि हमने यह पता किया है कि दिल्ली सरकार अपना बकाया पैसा दिसंबर तक का एमसीडी को दे चुकी है लेकिन एमसीडी के महापौर और एमसीडी के अफसर तनख्वाह नहीं दे रहे हैं। इन टीचर्स का कहना है कि दोनों पाटों के बीच एमसीडी पीस रही है। इस प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में टीचर्स पहुंचे जिनमें महिलाएं भी शामिल थी। इन्होने बताया की 6 महीने से वेतन नहीं मिलाने से उनकी परेशानियां कितनी बढ़ गयी है।
आर्थिक संकट के चलते दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों को घर चलना मुश्किल हो रहा है तो वहीँ तमाम विकास कार्य भी कई महीनो से ठप्प पड़े हैं। सफाई कमर्चारियों की हड़ताल के चलते दिल्ली में जगह जगह कूड़े के ढेर लगाने शुरू हो गए हैं। और अब शिक्षकों की हड़ताल के बाद बच्चों की पढ़ाई भी रुक गयी है।
हालात बहुत गंभीर है लेकिन सवाल है की इसके समाधान के लिए गंभीर प्रयास कौन करेगा और कैसे करेगा।