संवाददाता, दिल्ली दर्पण टीवी
नई दिल्ली।। राजधानी दिल्ली में स्कूल कोविड-19 प्रकोप के लंबे ब्रेक के बाद स्कूल 18 जनवरी से खुल गए। हालांकि स्कूलों में पहले जैसी चहल-पहल भले ही नहीं देखी गई हो, लेकिन उसके आसपास लंबे अर्से बाद कक्षाएं लगने से पहले स्कूल-ग्राउंड से ड्रमिंग की आवाज गूंजने लगी।
इस बावत जब दिल्ली दर्पण टीवी के संवाददाता ने जायजा लिया तो पाया कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों को और कोरोना संक्रमण से बचने के काफी अच्छे इंतजाम किये गए हैं। संवाददाता ने इसका जायजा रोहिणी सेक्टर 8 स्थित राजकीय सर्वोदय सह-शिक्षा विद्यालय में 70 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे स्कूल पहुंचे। हालांकि दिल्ली में स्कूलों के गेट 10वीं व 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए ही खुले हैं। ठण्ड, धुंध और पहला दिन होने के बावजूद बच्चों की इतनी बड़ी तादाद में स्कूल पहुंचना इस ओर इशारा करता है कि बच्चे स्कूल आने को आतुर है।
स्कूल प्रबंधन ने भी कोरोना संक्रमण से बचने के दिल्ली सरकार द्वारा जारी सभी दिशानिर्देश और इंतजाम कर रखा है। स्कूल के एंट्री गेट पर हैंड सैनेटाइजेशन, थर्मल स्क्रीनिंग का इंतजाम किया गया था। स्कूल प्रशासन द्वारा बच्चों और उनके अभिभावकों को जागरूक किया गया।
स्कूल के प्रिंसिपल अवधेश कुमार झा ने बताया कि करीब एक साल के बाद स्कूल आना स्टूडेंट्स को भी अच्छा लग रहा है। उन्होंने बताया कि हमने स्कूल की क्लास में जाकर जायजा लिया। जो स्टूडेंट्स स्कूल नहीं आ पा रहे थे उनके लिए ऑनलाइन क्लास भी चल रही थी। फिर भी इतने लम्बे अंतराल के बीच ऑनलाइन पढ़ना और आमने-सामने पढ़ने का फर्क उन्हें ही नहीं बल्कि टीचर्स को भी समझा आ रहा था। टीचर्स भी मानते हैं कि कोरोना की वजह से पढ़ाई पर 50 प्रतिशत तक का नुक्सान हुआ है।
एक छात्रा ने स्कूल खूलने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने बताया बहुत अच्छा लग रहा है स्कूल आकर। हम उन दोस्तों और टीचर काफी समय बाद मिलेंगे, जिनसे आॅनलाइन मिलते रहे हैं। बहुत सारी बातें करें करेंगे पढ़ाई और दूसरे तरह की। हम कोरोना से बचाव के लिए किए गए निर्देश का भी पालन करेंगे।
स्कूल की एक टीचर भारती कालरा ने भी काफी खुशी जताई और कहा कि स्कूल खुलने से बच्चे काफी खुश हैं। उन्हें लंबे समय बाद टीचर से मिलने का मौका मिलेगा, लेकिन उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की हिदायतें को पालन करना होगा। स्कूल प्रिंसिपल अवधेश कुमार झा को पूरी उम्मीद है कि धीरे—धीरे अटेंडेंस 90 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। वैसे फिलहाल अटेंडेंस सिर्फ रिकॉर्ड के लिए ली जा रही है। जो स्टूडेंट्स स्कूल नहीं आएंगे, उन्हें ऑनलाइन क्लासेज दे जाएगी।
हरहाल, सरकारी स्कूलों में बच्चों की पहले दिन 70 प्रतिशत अटेंडेंस का होना यह उम्मीद जगाता है कि आने वाले दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी और स्कूलों में फिर पहले जैसी चहल—पहल देखने को मिलेगी।