खुशबू काबरा, संवाददाता
दिल्ली।। राजधानी दिल्ली में टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गई है। जिसके चलते लोगों के मनों में कई सवाल पैदा हो रहे है और डर की आशंका लोगों के अंदर बन रही है। सोमवार तक 7000 हजार से भी अधिक लोग टीका लगवा चुके है। ऐसे में डॉक्टरों का कहना है कि टीका लगने के 45 दिन बाद संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी बनेगी। इस टीके का असर एक दम से नहीं होता है। इसमें कई सप्ताह का समय लगता है। डीपार्टमेंट ऑफ कम्यूनिटी मेडिसिन सफदरजंग अस्पताल के अध्यक्ष डॉक्टर जुगल किशोर बताते हैं कि वैक्सीन तुरंत लगते ही शरीर में एंटीबॉडी नहीं बनती है। आपको बता दे कि वैक्सीन लगने वाले सभी लोगों को इस दौरान अपना खास ख्याल रखना होगा।
जिन कर्मचारियों को पहली डोज लग चुकी है उनको दुसरी डोज 28 दिन के बाद लगेगी और 15 दिन के बाद शरीर में एंटीबॉडी बनेगी, 45 दिन तक लोगों को अपना ध्यान रखना होगा, डॉक्टरों का कहना है कि इस दौरान किसी संक्रमित के संपर्क में आने पर वायरस फैल सकता है जानकारी के अनुसार ट्रायल के दौरान देखा जाएगा कि कितनी एंटीबॉडी बन रही है। इसलिए लोगों को अपना रोग प्रतिरोधक का पता लगाने के लिए एंटीबॉडी टेस्ट करवाने की कोई जरुरत नहीं है।
जैसे की हम सभी को पता है कि टीकाकरण इस बिमारी का अहम हिस्सा है लेकिन टीके के कुछ दुष्प्रभाव भी है जिनको लोगों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, टीका सबको लगवाना अनिवार्य है ऐसे में उन्होंने कहा है कि अगर टीका लगवाने के बाद किसी भी प्रकार कि बुखार, एलर्जी हुई है तो इसमें घबराने की कोई बात नहीं है, जानकारी के अनुसार टीके को लेकर कई अफवाह फैसाई जा रही है जिसको चलते टीकाकरण भी कम हो रहा है ऐसे में सरकार ने सभी से यही अपील की है कि ऐसी अफवाहों पर भरोसा ना करें।
आपको बता दे कि पहली डोज के बाद दूसरी डोज लेना अनिवार्य है पहली डोज इंसान के शरीर में एंटीबॉडी के उत्पादन को उत्तेजित करेगी तो वही दूसरी डोज शरीर में एंटीबॉडी के स्तर को बनाएगी। बेहतर सुरक्षा के लिए दोनो खुराक लेना जरुरी है।