राजेंद्र स्वामी के साथ शिवानी मोरवाल
नई दिल्ली। देशभर के एलोपैथी डॉक्टर्स मिक्सोपैथी के विरोध में एक फरवरी से भूख हड़ताल पर हैं। दिल्ली के अशोक विहार सेंट्रल मार्किट में भी दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने भूख हड़ताल का प्रदर्शन किया और सरकार को चेतावनी दी कि वे लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ न करें और अपना निर्णय वापस ले। इस प्रदर्शन में आईएमए और डीएमए के पदाधिकारी भी शामिल हुए। उनका कहना है कि चिकित्सक सर्जरी का हुनर सालों में सीखता है उसे सरकार केवल छह माह में कैसे सीखा सकती है? दिल्ली मेडिकल कौंसिल के रजिस्ट्रार डॉ गिरीश त्यागी ने सरकार में बैठे मंत्रियों से सवाल किया कि क्या वे खुद ऐसे डॉक्टर्स से ऑपरेशन करना पसदं करेंगे?
उल्लेखनीय है कि काफी समय से मिक्सोपैथी का विरोध कर रहे डॉक्टर्स अब सरकार से इस मुद्दे पर आर पार की लड़ाई पर उतर आयें हैं। उन्होंने 2 फरवरी को भी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने देशभर में प्रदर्शन कर सरकार को आगाह किया की वह एलोपैथी में आयुर्वेद और होम्योपैथी को अतिक्रमण करने की अनुमति नहीं दें। देश की राजधानी दिल्ली में भी डॉक्टर्स इस मुद्दे को लेकर भूख हड़ताल पर रहे। इस सिलसिले में दिल्ली के अशोक विहार सेंट्रल मार्किट में आईएमके के संयुक्त सचिव डॉ नरेश चावला के संयोजन में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के साथ प्रदर्शन किया।
इस प्रदर्शन में पहुंचे डॉक्टर्स ने सरकार से सवाल किया कि सालों के अनुभव की बाद सर्जरी का हुनर सिखाने वाले डॉक्टर्स का विकल्प छह महीने का डिप्लोमा करने वाले सर्जरी के डॉक्टर्स कैसे हो सकता है? इसे एलोपैथी के डाक्टर ने मिक्सोपैथी का नाम दिया है। उनका कहना है कि वे किसी पद्धति का विरोध नहीं कर रहे, बल्कि यह मांग कर रहे हैं कि अलग-अलग पद्धतियों में ही इलाज की व्यवस्था पहले जैसी रहे। इसी तरह से आईएमए के सचिव ने भी एलोपैथी के साथ आयुर्वेद को मिक्स करने का विराध जताया है।
गौरतलब है कि सरकार ने आयुर्वेद जैसी चिकित्सा पद्धति में काम कर रहे डॉक्टर्स को भी डिप्लोमा करने पर सर्जरी करने की छूट दे दी है। एलोपैथी के डॉक्टर्स की शीर्ष संस्था आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन इसका विरोध कर रही है। आईएमए ने इसके विरोध में एक फरवरी 2021 से 15 फरवरी तक भूख हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। दिल्ली के अशोक विहार सेंट्रल मार्किट में भी डॉक्टर्स भूख हड़ताल पर रहे और लोगों को भी जागरूक किया।
इस प्रदर्शन में आईएमए और डीएम के बड़े पदाधिकारी भी पहुंचे और सरकार को आड़े हाथों लिया। उनका कहना है कि आईएमए सरकार के इस निर्णय को कभी स्वीकार नहीं करेगी। दिल्ली मेडिक्डल कॉउन्सिल के रजिस्ट्रार डॉ गिरीश त्यागी ने आरोप लगाया कि सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए स्वास्थ्य सेवा के नाम पर लोगों को गुमराह कर रही है। उनके जीवन से खिलवाड़ कर रही है।
आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि वह होम्योपैथी और आयुर्वेद के खिलाफ नहीं है, लेकिन आधुनिक चिकित्सा पद्धति में मिक्सोपैथी का विकल्प नहीं हो सकती। बाकी दोनों पद्धतियां आधुनिक पद्धत्ति की जांच रिपोर्ट का इस्तेलम करें इसमें कोइ ऐतराज नहीं, लेकिन वह कुछ महीनों की ट्रेनिंग लेकर ऑपरेशन करे यह मंजूर नहीं। जाहिर है सरकार और डॉक्टर्स की यह तनातनी अभी थमने वाली नहीं है। ऐसे में यदि यह भूख हड़ताल सम्पूर्ण हड़ताल में बदल जाती है, तो सरकार के लिए के और परेशानी खड़ी हो सकती है।
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