Friday, November 22, 2024
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दिल्ली में अब सख्त लॉकडाउन ही कोरोना से सही बचाव – AIIMS

जूही तोमर, संवाददाता

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के साथ मृत्यु के आंकड़ों में भी इजाफा हो रहा है। इस बीच दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना के मौजूदा संक्रमण को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि जहां भी संक्रमण दर 10 फीसद से अधिक है वहां स्थानीय स्तर पर पिछले वर्ष मार्च की तरह सख्त लॉकडाउन किया जाना चाहिए। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि जिस तरह से प्रतिदिन नए मामले आ रहे हैं, वह दुनिया के किसी भी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए गंभीर चुनौती है। ऐसे में कोरोना की रोकथाम के लिए आक्रामक तरीके से काम करना होगा। उन्होंने कहा कि टीकाकरण शुरू होने पर लोग जरूरत से ज्यादा सहज हो गए और सबको यह लगने लगा कि कोरोना से ज्यादा परेशानी नहीं होगी। इस वजह से लोगों ने कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करना बंद कर दिया, जबकि वायरस में म्युटेशन के कारण संक्रमण तेजी से फैला।

डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन आपूर्ति बेहतर करने के लिए केंद्रीय कमांड बनाए जाने को कहा। उन्होंने ऑक्सीजन बैकअप की भी जरूरत बताई ताकि किसी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी होने पर उसे तुरंत बैकअप उपलब्ध कराया जा सके। जिससे मरीजों की ऑक्सीजन की कमी से मौत न होने पाए। यहां पर बता दें कि देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से आए उछाल के चलते स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव पड़ा है। यही वजह है कि दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में भी कई मरीजों को बेड नहीं मिल रहा। जरूरत के बावजूद ऐसे हजारों-लाखों मरीज घरों में रह कर इलाज कराने के लिए मजबूर हैं।

वहींं, इसका एक और पहलू यह भी है कि जब ये कोरोना वायरस संक्रमित मरीज किसी तरह अस्पताल पहुंचते हैं तो उनकी हालत गंभीर हो चुकी होती है। कोरोना संक्रमित के मरीजोें में मौतों के आंकड़ों में इजाफा होने की यह भी एक वजह है। यहां पर यह बता देना जरूरी है कि शुक्रवार को ही दिल्ली के बत्रा अस्पताल में ऑक्सीजन के अभाव में कुल 12 मरीजों की मौत हो गई।

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