तेजस्विनी पटेल, संवाददाता
नई दिल्ली। आदेश के बावजूद सेवानिवृत्त कर्मचारियों के वेतन और पेंशन का बकाया भुगतान न करने पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपना लिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि कर्मचारी अपने हक के पैसे के लिए अंतहीन इंतजार नहीं कर सकते। ऐसे में अब उत्तरी एमसीडी की संपत्ति को जब्त कर उनका बकाया भुगतान किया जाएगा। कोर्ट ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को अपनी संपत्ति की सूची और बैंक बैलेंस का ब्योरा देने को कहा है।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बकाया भुगतान और पेंशन संबंधी मामले की सुनवाई करते हुए अदालत के बार-बार आदेश के बावजूद कर्मचारियों को बकाया भुगतान नहीं करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। कोर्ट ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है और जिन कर्मचारियों ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण पल सेवा में बिताए हैं और आज वे अपना पैसा लेने के लिए भटक रहे हैं।
पीठ ने स्पष्ट किया कि अभी पूछने या जवाब देने का समय नहीं है। अब यह आवश्यक है कि एमसीडी की संपत्ति को जब्त कर लिया जाए और कर्मचारियों को उससे प्राप्त राशि से उनका पैसा मिल जाए। अदालत ने उत्तरी एनडीएमसी को अपनी सभी संपत्तियों और बैंक बैलेंस की पूरी सूची पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने अब मामले की सुनवाई 8 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है।
पिछली सुनवाई पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा था कि चाहे आप भीख मांगें, उधार लें या चोरी करें लेकिन कर्मचारियों का बकाया भुगतान करें। कोर्ट ऑल-दिल्ली प्रायोरिटी टीचर्स एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। संघ की ओर से पेश अधिवक्ता रंजीत शर्मा ने बकाया भुगतान नहीं करने पर ndmc के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की।