नेहा राठौर, संवाददाता
नई दिल्ली। तीनों कृषी कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर बैठे किसानों ने संसद भवन के बाहर बैठने का फैसला लिया है। इसका ऐलान भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किया है। साथ ही टिकैत ने कहा कि वे आज इस मामले पर बैठक करेंगे और रणनीति बनाएंगे।
टिकैत के ऐलान के मुताबिक, 19 जुलाई से मॉनसून सत्र शुरू होने वाला है, इस दौरान किसान संसद के बाहर प्रदर्शन करेंगे। करीब 200 किसान बस से संसद जाएंगे, जिसका किराया यूनियन की तरफ से दिया जाएगा। टिकैत ने यह स्पष्ट किया है कि यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा, हम वहां संसद के बाहर विरोध करने के लिए बैठेंगे, लेकिन सदन की कार्यवाही जारी रहेगी।
इसी के साथ किसानों ने एक और ऐलान किया है कि 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में महापंचायत होगी, वहीं से आगे की रणनीति बनाए जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के पास दो महीने का समय है, बातचीत करने के लिए।
5 सितंबर को होगी महापंचायत
उन्होंने बताया कि इस महापंचायत में हरियाणा, यूपी, पंजाब से किसान आएंगे और आगे की रणनीति को तय करेंगे। अगस्त में महापंचायत से पहले अगर सरकार बातचीत करना चाहती है या उसके मन में कुछ है तो उसकी तैयरी कर सकती है।
टिकैत ने कहा कि मुजफ्फरनगर में सभी किसान इकट्ठा होंगे। देशभर के किसानों के लिए यह आगे की एक इफैक्टिव रूप रेखा होगी। इस दौरान जब उनसे किसान नेताओं के चुनाव लड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ना कोई गलत नहीं है, हम क्या वोट नहीं देते हैं और अगर जो वोट देता है, वह चुनाव लड़ना चाहता हैं तो उसमें गलत क्या है, वह भी चुनाव लड़ सकता है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे, भारतीय किसान यूनियन को लेकर आगे की किया रणनीति रहेगी, फिलहाल उसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि मैंने फिर से ट्रैक्टर को लेकर बात की है और इस बार नया ट्रैक्टर होगा, वो भी नए बंपर के साथ पहले से ज्यादा मजबूत।