दिल्ली दर्पण टीवी
शालीमार बाग। नार्थ वेस्ट जिले के शालीमार बाग़ इलाके में आज दिन दहाड़े कुछ लोग बीए ब्लॉक 97 के घर में जबरन घुसने की कोशिश में दरवाजा तोड़ने पहुंचे। कई गाड़ियों में सवार होकर आये इन लोगों के आठ में हथोड़े , लोहा काटने की मशीन आदि सभी औजार थे। ऐसी घटना इस घर में कई बार हो चुकी थी,इस बार भी हुयी इस घर में अपनी पत्नी और दो छोटे-छोटे बच्चों के साथ रह रहा आकाश डर गया। उसने पुलिस को कई कॉल किये लेकिन पुलिस नहीं पहुंची। मामले की सूचना नार्थ वेस्ट जिला पुलिस को दी तो स्थानीय पुलिस हरकत में आयी और दोनों पक्षों को थाने ले आयी।
दिल्ली दर्पण ने मामले को समझा तो यकीन कर पाना मुश्किल है कि दिल्ली में ऐसी दबंगई भी हो सकती है। दिल्ली में पुलिस प्रशासन और बिल्डर मिलकर किस तरह विवादित प्रॉपर्टी को कब्ज़ा करने की कोशिश करते हैं यह इसका ताज़ा उदारहण है। आकाश गुप्ता इस घर में जन्म से रह रहा है। आकाश चार भाई बहन है। उनके पिता स्व.धनपत राय की कई साल पहले ह्त्या हो गयी थी। इनके एक भाई ने इस प्रॉपर्टी को गलत तरीके से कई लोगों को बेच दी जिसका केस भी कोर्ट में चल रहा है। उनमें शालीमार बाग़ का एक बिल्डर भी है। यह बिल्डर पुलिस के साथ मिलकर इस घर पर कब्जा करना चाहता है। वे धमका रहे है कि यदि उसने कब्जा नहीं दिया तो वे उसे कई केस में फसा देंगे। जबरन घर पर कब्जा करने की कई नाकाम कोशिश भी हुयी। लेकिन आज भरी बारिश का फायदा उठाकर भरी तादाद में ये लोग आये। इनके साथ पुलिस नहीं थी। स्थानी पुलिस का कहना है कि यह प्रॉपर्टी एक भाई ने बेचीं है और आर्बिट्रेटर ने कब्जा देने का आदेश भी दिया है ,लेकिन आकाश उसे अंदर जाने से रोक रहा है।
पुलिस कुछ भी कहे लेकिन कई सवाल चौंकाने वाले है। प्रॉपर्टी बिना कब्जे के बिक कैसे गयी ? चार हिस्से दारों वाली किसी भी विवादित प्रॉपर्टी को एक भाई क्या बेच सकता है ? वह भी वो भाई जिसे प्रॉपर्टी की मालकिन ने कई साल पहले जायदाद से बेदखलकर रखा है। यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है ऐसे में क्या इस तरह गुंडों के दम पर कब्जा करने की कोशिश हो सकती है ? यदि यह कोर्ट के आदेश से है तो क्यों नहीं पुलिस कानूनन खुद खड़ी होकर कब्जा दिलवाती ? जब भी ऐसे लोग आतें है बिना पुलिस के आतें है। पुलिस करवाई के नाम पर शिकायत कर्ता को ही घंटों थाने में बैठा कर रखती है।
सुरक्षा के लिहाज़ा से घर और उसके चारों ओर सीसीटीवी कैमरे भी लगा रखें है। इस मामले की शिकायत एक सप्ताह पूर्व डीसीपी नार्थ वेस्ट को भी लिखित रूप में दी गयी थी। उस शिकायत पर कोई करवाई होती इससे पहले ही ये दबंग पहुंच गए और दबंगई पर उतारू हो गए। समय रहते यदि डीसीपी संज्ञान नहीं लेती और तो कोई भी अप्रिय घटना हो सकती थी। बहरहाल मामला डीसीपी नार्थ वेस्ट की जानकारी में आ चुका है। अब पीड़ित परिवार उम्मीद कर रहा है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी।