अविनाश चौधरी
दिल्ली फायर सर्विस ने एम्स के साथ मिलकर परिसर में एक फायर स्टेशन खोलने का फैसला किया है। इस पर डीएफएस के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारे लिए यह गर्व की बात है कि अस्पताल के अंदर एक छोटा फायर स्टेशन खोलने के लिए एम्स ने हमारे साथ हाथ मिलाया है।
एम्स देश का पहला ऐसा अस्पताल बने जा रहा है जिसके परिसर में एक फायर स्टेशन होगा… डीएफएस ने कहा कि अब आपात स्थिति से निपटने में कोई दिक्कत नहीं होगी। सभी बुनियादी ढांचे एम्स द्वारा प्रदान किए जाएंगे और फायर टेंडर, उपकरण और जनशक्ति का प्रबंधन डीएफएस द्वारा किया जाएगा।
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बता दें कि हाल ही में इसी साल जून में एम्स में आग लगने की घटना सामने आई थी। एम्स के कन्वर्जन ब्लॉक की नौंवी मंजिल में आग लगी थी। एम्स के डॉक्टरों से मिली जानकारी के अनुसार इस ब्लॉक में जांच इत्यादि के कार्य होते हैं। गनीमत रही कि वहां कोई मरीजों मौजूद नहीं था।
इससे पहले 17 अगस्त 2019 के दौरान आग लगने की घटना घटी थी। उस घटना के निशान अभी तक एकेडमिक ब्लॉक मे नजर आते हैं। जिसमें करोड़ों रूपए की अत्याधुनिक लैब जल गई थी। वहीं 2016 में भी ऐसी ही घटना सामने आई थी। बता दें कि साल 2016 से लेकर 3 अप्रैल 2019 के बीच एम्स प्रबंधन ने चार बार एडवाइजरी जारी करते हुए विभागों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिये थे… लेकिन हालात फिर भी नहीं बदले, जांच में पता चला कि शार्ट सर्किट होने की वजह से आग लगी थी जो धीरे-धीरे नौंवी मंजिल तक फैल गई।
एकेडमिक ब्लॉक में आग की घटना के बाद एम्स ने सभी विभागों को सलाह दी थी कि अवकाश होने पर बिजली से जुड़े उपकरणों को बंद करके ही जाएं।
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