संवाददाता जूही तोमर
दिल्ली में छठ पर्व मनाने को लेकर राजनैतिक सियासत गरमा गई है। दिल्ली सरकार और भाजपा एक बार फिर आमने सामने है। छठ पर्व मनाने की इजाजत ना देने पर भाजपा का गुस्सा इस तरह फूटा कि मंगलवार को सीएम आवास के बाहर बीजेपी नें ताबड़तोड़ प्रदर्शन किया। दिल्ली सरकार ने छठ पर्व न मनाने का यह फैसला कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए लिया परंतु बीजेपी इसका विरोध कर रही है।
बीजेपी का मत है कि, केजरीवाल सरकार को हिंदुओ के त्यौहारों से परेशानी है और पूर्वांचलवासियों के साथ दिल्ली सरकार सौतेला व्यवहार करती है।बता दें कि विरोध प्रदर्शन के दौरान बीजेपी संसाद मनोज तिवारी समेत पार्टी के कई अन्य नेता , पदाधिकारी और कार्यकर्ता जख्मी हो गए । बताया जा रहा है कि प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ता जब नारेबाजी करते हुए पुलिस द्वारा कि गई बैरिकेड़िंग को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, तब उन्हें रोकने के लिए पुलिस को वॉटर कैनन चलानी पड़ी। उस वक्त मनोज तिवारी बैरिकेड़िंग के उपर चढ़े हुए थे। वॉटर कैनन से निकला पानी की तेज फुहार सिधा मनोज तिवारी के कान और सीने पर लगी जिससे उनका संतुलन बिगड़ गया और वह बैरिकेड़िंग से नीचे सड़क पर जा गिरे।
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इस दौरान आदेश गुप्ता ने घोषण की कि केजरीवाल सरकार भले ही छठ पर्व मनाने से इंकार कर रही हो लेकिन बीजेपी तीनों निगमों के सहयोग से पूर्वांचलवासियों के लिए सारी व्यवस्था करेगी , ताकि वे कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए पुरी आस्था के साथ छठ का पर्व मना सकें। वही अब दिल्ली सरकार ने राजधानी में सार्वजनिक छठ पूजा के आयोंजनों की अनुमति देने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। अब इस पर डिप्टी सीएम मनीष सीसोदिया ने कहा कि , कोरोना कि स्थिती काबू में है । ऐसे में केंद्र सरकार को दिशा – निर्देश जारी करते हुए छठ पूजा के कार्यक्रमों की इजाजत देनी चाहिए।
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