ब्यूरो रिपोर्ट
नई दिल्ली। करवा चौथ का व्रत 24 अक्तूबर को मनाया जाएगा। इस अवसर पर खरीदारी के लिए दिल्ली के बाजारों में महिलाओं की भीड़ देखी जा रही है। महिलाएं अपने साज-श्रंगार, नए आभूषण और वस्त्रों की खरीद ज्यादा कर रही हैं।
सुहागिनों के लिए करना चौथ व्रत बेहद खास होता है। हर साल कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का पावन व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए इस व्रत को रखती हैं। करवा चौथ का व्रत निर्जला व्रत होता है। इस व्रत में पानी का सेवन भी नहीं किया जाता है।
करवा चौथ व्रत चांद के दर्शनों के बाद तोड़ा जाता है। महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत तोड़ती हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि को सुहागिनें पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ व्रत रखती हैं। इस दिन चांद के निकलने का इंतजार महिलाओं को बेसब्री से होता है। हर शहर में चांद दिखने का समय अलग-अलग होता है। कुछ जगहों पर चांद नजर आ जाता है तो कुछ जगहों पर व्रती महिलाओं को चांद के दीदार के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ता है।
करवा चौथ पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर 2021 को शाम 06 बजकर 55 मिनट से 08 बजकर 51 मिनट तक है। वहीं करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय रात 08 बजकर 11 मिनट है, लेकिन अलग-अलग स्थानों पर चांद दिखने का समय अलग-अलग हो सकता है।
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इस साल करवा चौथ पर विशेष संयोग बन रहा है। करवा चौथ का चांद रोहिणी नक्षत्र में निकलेगा। मान्यता है कि इस नक्षत्र में व्रत रखना शुभ होता है।
चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। चंद्रमा आयु, यश और समृद्धि का भी प्रतीक है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार चंद्रमा को भगवान ब्रह्मा का रूप माना जाता है और चांद को लंबी आयु का वरदान मिला हुआ है। चांद में सुंदरता, शीतलता, प्रेम, प्रसिद्धि और लंबी आयु जैसे गुण पाए जाते हैं, इसीलिए सभी महिलाएं चांद को देखकर ये कामना करती हैं कि ये सभी गुण उनके पति में आ जाएं।
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