बबीता चौरसिया
नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम कर्मचारियों की सैलरी न मिलने का मुद्दा इस समय बहुत गरमाया हुआ है। कर्मचारियों का कई महीनों का वेतन बकाया है, जो दिल्ली सरकार नहीं दे रही हैं। अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए आज नॉर्थ एमसीडी के मुख्यालय सिविक सेंटर पर कर्मचारी व शिक्षकों द्रारा प्रर्दशन किया गया।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के प्राइमेरी शिक्षकों द्रारा प्रचंड प्रदर्शन के लिए पहुंचे शिक्षकों ने उत्तरी नगर निगम के खिलाफ नारे बाजी की। प्रदर्शन में मौजूद नरेला स्कूल के शिक्षक पवन कुमार का कहना है, “ हमारी जुलाई से डीए नहीं मिली है, साथ की कई महीनों से शिक्षकों को सैलरी नहीं दी गई है। एक शिक्षक को अपने परिवार का पेट भरने, पालन पोषण करने के लिए सैलरी चाहिए, वो भी नॉर्थ एमसीडी समय पर नहीं दे रही है।”
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प्रदर्शन में आए शिक्षकों की मांग है कि सरकार डीए, एचआरए बहाल करें। पिछले महीनों की सैलरी के साथ दिवाली का बोनस भी उनको मिले। साथ ही इन शिक्षकों के साथी टीचर जिन्होंने कोरोना काल में अपनी जान गंवा दी, उनके परिवार वालों को आर्थिक सहायता भी मिलनी चाहिए। लॉकडाउन के दौरान शिक्षकों ने ही राशन वितरण से लेकर सर्वे करने तक का काम किया है, तो अब उनको सरकार की तरफ से आर्थिक मदद क्यों नहीं मिल रही है?
बता दें कि तीनों निगमों को एक करने की मांग भी इन कर्मचारियों ने रखी है। प्रदर्शन कर्मचारी ने बताया कि “केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ने यहां तक कि दक्षिणी व पूर्वी नगर निगम ने भी शिक्षकों की डीए बहाल कर दी है, लेकिन उत्तरी निगम ने नहीं की है। जिसके कारण कर्मचारियों की मांग है कि तीनों निगम को एक कर दिया जाए, ताकि तीनों निगमों के कर्मचारियों के साथ एक जैसा व्यवहार होगा।”
प्राइमेरी शिक्षक का एक बच्चे का भविष्य बनाने में बहुत बड़ा रोल होता है। साथ ही इन्होंने कोरोना काल में आगे बढ़ कर काम किया उनको उनका हक नहीं दिया जा रहा है। चाहे उनकी डीए, एनपीएस, रिटायर कर्मचारियों की पेंशन हो या फिर बकाया सैलरी हो उनको समय पर मिलना चाहिए।
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