Thursday, November 7, 2024
spot_img
Homeब्रेकिंग न्यूज़मंदिरों का नियंत्रण पुजारियों को सौंपा जाए , किसानों की तरह पुजारी...

मंदिरों का नियंत्रण पुजारियों को सौंपा जाए , किसानों की तरह पुजारी और साधु-संत करेंगे आंदोलन का ऐलान

नई दिल्ली। देश भर के साधु-संत और पंडित अब मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण खत्म करने और मंदिरों की बागडोर उन्हें सौंपने की मांग को लेकर सड़कों पर धरना, प्रदर्शन के लिए तैयारी कर रहे हैं। ये लोग किसानों की तरह आंदोलन करके अपनी मांगों को मंगवाने के लिए कमर कस रहे हैं। साधुओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर किसान सरकार को झुका सकते हैं तो हम क्यों नहीं। जरूरत पड़ी तो हम दिल्ली में डेरा डालेंगे।

मंदिरों पर सरकार के नियंत्रण से मंदिरों की कमाई से पुजारियों को नुकसान हो रहा है।
दरअसल कृषि कानूनों की वापसी के फैसले से साधु-संतों ने प्रेरित होकर आंदोलन का ऐलान किया है। देश के अलग-अलग हिस्सों से आए साधु.संतों ने दिल्ली के कालकाजी मंदिर में मठ-मंदिर मुक्ति आंदोलन की शुरुआत की। साधु-संतों का यह आंदोलन मंदिरों और मठों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करवाने के लिए कानून की मांग को लेकर है। अखिल भारतीय संत समिति के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में मंच से साधु.संतों ने कहा कि जब किसान दिल्ली के रास्ते को रोककर बैठ सकते हैं और सरकार से अपनी मांगें मनवा सकते हैं तो हम साधु.संत ऐसा क्यों नहीं कर सकते।
साधु.संतों ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगें नहीं मानती हैं तो हम भी दिल्ली में डेरा डालेंगे।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का जिक्र कर मठ-मंदिरों पर अवैध रूप से कब्जे को लेकर अपनी नाराजगी जताई।
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि जनवरी 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में नटराज मंदिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने वाले आदेश में कहा था कि मंदिरों का संचालन और व्यवस्था भक्तों का काम है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के पुजारियों और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की अपील पर यह फैसला सुनाया था। जगन्नाथ मंदिर के अधिकार वाले केस में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि मंदिरों पर भक्तों द्वारा चढ़ाए गए धन को सरकारें मनमाने तरीके से खर्च करती हैं। जबकि एक भी चर्च या मस्जिद पर राज्य का नियंत्रण नहीं है।

दिल्ली स्थित कालिका जी मंदिर के महन्त सुरेंद्र नाथ अवधूत महाराज ने सरकार को चेताते हुए कहा कि सरकार को मंदिरों का प्रबंधन तुरंत साधु-संतों के हाथ में सौंप देनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो पूरे देश के साधु-संत आंदोलन करेंगे।
भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने अपने ट्विटर हैंडल से इस आंदोलन के शुरू होने की सूचना दी और कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। बता दें कि कृषि कानूनों की वापसी के बाद ट्रेड यूनियनों ने भी लेबल लॉ के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा यूटयूब चैनल दिल्ली दपर्ण टीवी (DELHI DARPAN TV) सब्सक्राइब करें।

आप हमें FACEBOOK,TWITTER और INSTAGRAM पर भी फॉलो पर सकते हैं

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments