संतोष सिंह
नई दिल्ली।।आयुष मंत्रालय,भारत सरकार ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत मकर संक्रांति (14 जनवरी,2022)के पवित्र-पावन अवसर पर वैश्विक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें भारत समेत दुनियाँ भर में एक करोड़ से अधिक लोगों ने कोविड नियमों का पालन करते हुए अपने-अपने स्थानों पर सूर्य नमस्कार किया।
भारत में कार्यक्रम की शुरुआत केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री डॉ मुंजपरा महेंद्रभाई ने डिजिटल तरीके से की। इस दौरान केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि मकर संक्रांति के पर्व पर सूर्य अपना पथ बदलकर उत्तरायण में प्रवेश करता है, जिसे भारतीय परंपरा में शुभ माना जाता है, इसलिए सूर्य की उपासना भारत में भक्ति-भावना से की जाती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि पीएम मोदी के रूप में आज देश में एक सशक्त और कुशल नेतृत्व मौजूद है और उन्हीं के मार्गदर्शन में मानव जाति के स्वास्थ्य के लिए योग और सूर्य नमस्कार को बढ़ावा दिया जा रहा है। माननीय मंत्री जी ने स्वयं सूर्य नमस्कार का अभ्यास भी किया।
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री डॉ मुंजपरा महेंद्रभाई ने कहा कि सूर्य नमस्कार पर किए गए अनुसंधान से पता चला है कि इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर स्वस्थ रहता है। डॉ. महेंद्रभाई ने जोर देते हुए बताया कि ये आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों की श्रृखंला के एक भाग के रूप में है, जिसके द्वारा आज हम प्रकृति को धन्यवाद कह रहे हैं। खुशी और सद्भाव के इस पर्व पर सूर्य नमस्कार फिट और हिट रहने का सबसे बेहतरीन उपाय है।
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मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान,आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के निदेशक डॉ. ईश्वर वी. बसावराद्दी ने इस कार्यक्रम की मेजबानी की और सभी प्रतिभागियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने भौतिक और आध्यात्मिक जीवन में सूर्य नमस्कार के महत्व पर प्रकाश डाला। निदेशक,एमडीएनआईवाई ने कहा कि सूर्य नमस्कार सभी जीवों के लिए ऊर्जा का
स्रोत है। सूर्य नमस्कार सूर्यदेव के प्रति अपनी कृतज्ञता जताने का एक नियम है। डॉ. ईश्वर वी. बसावराद्दी ने जीवन में सूर्य नमस्कार के महत्व को प्रतिपादित करते हुये बताया कि सूर्य नमस्कार शरीर और मन के समन्वय के साथ 12 चरणों में किए गए 8 आसनों का एक समूह है, जो जीवन में नित्य नये सुधार करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करता है। उन्होंने बताया कि सूर्य नमस्कार और व्यायाम की तुलना करते हुए कई शोध अध्ययनों ने निष्कर्ष निकाला कि सूर्य नमस्कार किसी भी अन्य प्रकार के व्यायाम की तुलना में अधिक फायदेमंद है। यदि आप प्रतिदिन केवल 20 मिनट सूर्य नमस्कार करते हैं, तो आपकी रीढ़ और मस्तिष्क पूरी तरह से स्वस्थ और मजबूत होंगे और निश्चित रूप से आप स्वस्थ जीवन का आनंद ले सकते हैं।
संबोधन के बाद मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के निदेशक के नेतृत्व में छात्र- छात्रों ने सूर्य नमस्कार के 13 चक्रों का जीवंत प्रदर्शन भी किया गया, जिसकी सराहना देश-विदेश तक हुई।
वैश्विक सूर्य नमस्कार के इस कार्यक्रम में बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, श्री श्री रविशंकर, सद्गुरु जग्गी वासुदेव और देश-विदेश की विभिन्न हस्तियों ने शिरकत की। दिनभर अलग-अलग वेबसाइट्स और सोशल मीडिया हैंडलों पर सूर्य नमस्कार के फोटो और वीडियो अपलोड होते रहे।आयुष मंत्रालय के साथ -साथ इस आयोजन में केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय समेत, गृह, रक्षा, शिक्षा मंत्रालय और उनके अधीन आने वाली इकाइयों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
आयुष मंत्रालय,भारत सरकार के सचिव श्री वैद्य राजेश कोटेचा ने इस कार्यक्रम में शामिल सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि आयुष मंत्रालय ने भारत सरकार के निर्देशानुसार देश के प्रतिष्ठित संस्थानों को इस कार्यक्रम से जोड़ने का भागीरथी प्रयास किया है। श्री कोटेचा ने विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य विभूतियों को इस कार्यक्रम में उनके बहुमूल्य समय देने के लिए विशेष रूप से अपना आभार जताया।
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