Friday, November 8, 2024
spot_img
Homeअन्यशिक्षादिल्ली सरकार के आदेश ने बढ़ाई स्कूल प्रबंधकों की परेशानी

दिल्ली सरकार के आदेश ने बढ़ाई स्कूल प्रबंधकों की परेशानी

-दिल्ली दर्पण ब्यूरो 

दिल्ली। दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा दिल्ली के निजी स्कूलों को ईडब्ल्यूएस/डीजी के आवंटित सभी बच्चों को दाखिला देने के आदेश से स्कूल प्रबंधक बहुत चिंतित है क्योंकि अधिकतर स्कूलों में वर्ष 2020 21 और 21 22 में सामान्य श्रेणी के एंट्री लेवल पर नर्सरी केजी फस्ट की सीटें पूरी तरह से नहीं भरी जा सकी यदि शिक्षा विभाग द्वारा  आवंटित सभी ईडब्ल्यूएस/डीजी के बच्चों को दाखिला दे दिया जाता है तो स्कूलों में सामान्य श्रेणी से अधिक ईडब्ल्यूएस के बच्चों का अनुपात बढ़ जाएगा  जिसके कारण स्कूलों के सामने  शिक्षकों, कर्मचारियों  का वेतन निकालना कठिन हो जाएगा.


ज्ञात हो कि इसी को लेकर आधारशिला  विद्यापीठ बनाम दिल्ली सरकार के वाद नंबर डब्ल्यूपी नंबर 7051/  20-22 एंड सी एप्लीकेशन नंबर 21623ध/ 2022 के बाद में 12.5.2022 को दिल्ली सरकार को उच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिया गया कि जिन स्कूलों में 2020.21 और 2021.22 में जनरल कैटेगरी के एडमिशन एंट्री लेवल पर पूरे नहीं हो पाए हैं सरकार उनको पूरा करने के लिए अखबारों में पब्लिक नोटिस दे। शिक्षा विभाग की पी एस बी ब्रांच ने 24 मई 2022 को हर अखबार में पब्लिक नोटिस दिल्ली के ऐसे सभी स्कूलों से खाली सीटों का विवरण लेकर एंट्री लेवल पर दाखिला लेने के लिए दो जून 2022 तक अप्लाई करने के लिए कहा अभी यह प्रोसेस चल ही रहा था इसी बीच जस्टिस फॉर ऑल बनाम वेंकटेश्वर ग्लोबल स्कूल के वाद नंबर एल पी ए नंबर 5ध्2022 और एप्लीकेशन नं0 474 से 477ध/2022 और 481ध्2022 में फैसला देने से पहले दिल्ली उच्च न्यायालय को यह जानकारी में देना चाहिए था।अगर दिल्ली उच्च न्यायालय की जानकारी में यह बात लाई जाती तो शायद दिल्ली उच्च न्यायालय वेंकटेश्वर ग्लोबल स्कूल के बाद में फैसला देने से पहले उस प्रक्रिया को पूरा होने का इंतजार करता।
परन्तु दिल्ली सरकार ने अपने आदेश संख्या क्म्;255द्धच्ैठध्2022 मे 2 जून 2022 को वेंकटेश्वर  ग्लोबल स्कूल के बाद में दिए गए फैसले को सख्ती से लागू करने का आदेश देकर स्कूलों  के सामने संकट पैदा कर दिया।  दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री आरसी जैन ने सभी संबंधित पक्षों से मांग की है कि आज जिस प्रकार से दिल्ली में स्कूल आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं जनरल सीटें खाली पड़ी रहती हैं और ईडब्ल्यूएस डीजी के लिए सरकार जबरदस्ती पूरा करने का दबाव बनाती है ऐसी स्थिति में आने वाले समय में स्कूलों को चलाना स्वयंसेवी संस्थाओं के लिए बड़ा भारी हो जाएगा ।
श्री जैन ने उच्च न्यायालय से भी मांग की है कि दिल्ली के स्कूलों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने फैसले पर पुनर्विचार करें।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments