मान्या जैन
काफ़ी समय से सुर्ख़ियाँ बटोर रहे नोएडा में स्थित एपेक्स और सियान नामक दो ट्विन टावर्स का 28 अगस्त के दिन ठीक 2:30 बजे हुआ ध्वस्तीकरण । ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से बनाए गए ट्विन टावर्स को सुप्रीम कोर्ट ने गिराने का आदेश दिया था।
वहाँ पर 500 मीटर की दूरी पर मौजूद सभी लोगों ने ऐसे तालियां बजाईं मानो उत्साह की कोई लहर दौड़ उठी हो। कुतुब मीनार से भी ऊँचा यह भारत का पहला टावर है जो 9 सेकंड में मिट्टी में परिवर्तित हो गया।
ध्वस्तीकरण के बाद, आसपास की इमारतें ठीक स्थिति में थी लेकिन यह विध्वंस साथ ही साथ कई चुनौतियां भी सामने लेकर आया। जानकारी के अनुसार पता लगा है कि विध्वंस के परिणामस्वरूप लगभग 80,000 टन धूल और मलबा निकला जो ना ही सिर्फ़ पर्यावरण पर बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी अपनी छाप छोड़ेगा।
डॉक्टरों के अनुसार, आने वाले कुछ समय के लिए नोएडा के निवासियों को खासतौर से अपनी सेहत का ख्याल रखना चाहिए। फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के डॉक्टर निशीथ चंद्रा का कहना है कि जिस व्यक्ति की उम्र 75 वर्ष से ज्यादा है और जिन लोगों को अस्थमा, डाइबटीज़, गुर्दे की तकलीफ़ जैसी बीमारियां हैं उन्हें सलाह दी जाती है कि वे अपने उपचार का सख्ती से पालन करें और खांसी, छाती में जकड़न या सांस की तकलीफ के मामले में किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।