-दिल्ली दर्पण ब्यूरो
पीतम पूरा। दिल्ली में डीडीए द्वारा दी गयी जमीन पर किसी भी तरह की कमर्शियल एक्टिविटी चलना भले ही प्रतिबंधित हो ,लेकिन दिल्ली के कई निजी अपने स्कूलों में स्पोर्ट्स अकादमी चलकर लाखों रुपये कमा रहे है। ऐसी ही गतिविधि दिल्ली पीतमपुरा में स्थित राइजिंग स्टार अकादमी स्कूल में भी हो रही है। एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि शिक्षा विभाग को गलत जानकारी देकर या फिर मिलीभगत कर यह स्कूल में स्पोर्ट अकादमी चला रहा है।
एक आरटीआई में दी गयी जानकारी में राइजिंग स्टार अकादमी स्कूल ने दावा दिया है कि वह अपने स्कूल के छात्रों और आस पास रहने वाले बच्चों को फ्री में खेल की ट्रेनिंग देता है।
जब शिकायतकर्ता ने एक स्टिंग कर इस गोरखधंधे का खुलासा किया तो पता चला कि यह स्कूल स्पोर्ट्स अकादमी के नाम पर बच्चों से दो हजार रुपये प्रतिमाह वसूल रहा है। स्कूल में अकादमी चला रहा कोच कैमरे में यह कहता हुआ नजर आ रहा है की एक बच्चे के दो हज़ार रुपये लगेंगे , फिर बच्चा चाहे कहीं का भी रहने वाला है। स्टिंग में वह दो हज़ार रुपये की रसीद देने से भी इंकार कर रहा है। यह सब स्कूल के टाइम शाम का ही होता है।
दिल्ली दर्पण ने भी इस स्टिंग के बाद ग्राउंड रियलिटी चेक की तो पता लगा कि राइजिंग स्टार अकादमी स्कूल में स्पोर्ट अकादमी कई वर्षों से चल रही है। इस स्कूल में डेढ़ सौ से ज्यादा बच्चों से दो -दो हज़ार रुपये प्रतिमाह लिए जा रहे हैं। पहले यह राशि तीन से चार हज़ार रूपये थी। दिल्ली दर्पण टीवी से बात करते हुए कई अभिभावकों ने दो हजार रुपए प्रतिमाह वसूलने की बात कबूली है। राइजिंग स्टार अकादमी स्कूल का तो यहां तक दावा है कि उनका स्कूल RWA के अनुरोध पर स्कूल का मैदान बच्चों को फ्री खेलने के लिए उपलब्ध कराता है। हालांकि जिस इलाके राजनगर में यह स्कूल है वहां की आरडब्ल्यूए ने इस जवाब से हैरानी जताई है। RWA के महासचिव अंकित गुप्ता जो पेशे से वकील भी हैं ने स्कूल के दावे को नकारते हुए स्कूल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कह रही है। RWA का कहना ही कि उनकी सोसाइटी में कोई खेल का मैदान या पार्क नहीं है, लेकिन स्कूल उनके बच्चों को फ्री में नहीं बल्कि पैसे लेकर ही खेलने की अनुमति देता है।
जाहिर है राइजिंग स्टार अकादमी स्कूल डीडीए द्वारा स्कूल के लिए दी गयी लीज का तो उल्लंघन कर ही रहा है, साथ ही शिक्षा विभाग को भी गुमराह कर रहा है। इस बाबत लगातार शिक्षा विभाग को शिकायत दी जाती है तो वह जवाब देता है कि वह स्कूल में बच्चों को खेल का ग्राउंड फ्री उपलब्ध करा रहा है, लेकिन दिल्ली दर्पण टीवी का स्टिंग के साथ ही अभिभावकों और RWA के बयान इनके दावों की पोल खोल रहा है। वैसे दिल्ली के कई अन्य स्कूलों में भी इसी तरह की कमर्शियल एक्टिविटी चल रही है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या यह शिक्षा विभाग की जानकारी में नहीं है। शिक्षा विभाग की मिलीभगत के बिना ये गतिविधियां चल ही नहीं सकती हैं।