-दिल्ली दर्पण ब्यूरो
दिल्ली। दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल को आईना दिखाते हुए दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आर.सी. जैन ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लिया है। श्री जैन ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि वह सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय और खिलवाड़ करना बंद करे और मुफ्त और अनिवार्य शिक्षाअधिकार कानून की धारा 25 का पालन करे।
दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन अध्यक्ष आर .सी जैन ने मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा अधिकार की धारा 25 का हवाला देते हुए कहा कि सरकार यह सरकार की जिम्मेदारी है की वह स्कूल में शिक्षक और छात्र का अनुपात 1:40 को तुरंत लागू करे। लेकिन दिल्ली सरकार के स्कूलों में आज भी ज्यादातर स्कूलों में शिक्षक और छात्रों का अनुपात पूरी तरह से संतुलित है। अनिवार्य शिक्षा अधिकार कानून में साफ़ कहा गया है की किसी भी कक्षा में 40 से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए। क्योंकि एक शिक्षक 50 मिनट के पीरियड में इससे ज्यादा बच्चों पर ध्यान नहीं दे सकता। दिल्ली सरकार के स्कूलों में यह अनुपात पूरी तरह गड़बड़ाया हुआ है।
सूचना के अधिकार के अंतर्गत प्राप्त दिल्ली सरकार के 108 स्कूलों से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए श्री जैन ने ऐसे कई स्कूलों का उदहारण दिया जहाँ क्षमता से कहीं ज्यादा बच्चे एक सेक्शन में पढ़ रहे है। उन्होंने कहा कि गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल सभापुर मे एक सेक्शन में 125 बच्चे अधिकतम और मिनिमम 69 बच्चों की क्लास है ,जबकि गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल करावल नगर में एक सेक्शन में 93 बच्चे, गवर्नमेंट बॉयस सीनियर सेकेंडरी स्कूल दयालपुर में एक सेक्शन में 116 बच्चे ,गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल वेस्ट ज्योति नगर में एक क्लास में 98 बच्चे ,गवर्नमेंट सर्वोदय बाल विद्यालय बुराड़ी में एक सेक्शन में 116 बच्चे, और गवर्नमेंट सर्वोदय बाल विद्यालय प्रह्लाद पुर में 105 बच्चे हैं। यह सीधे सीधे बच्चों के मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा अधिकार कानून का पूरी तरह से उल्लंघन है।
मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा अधिकार कानून की धारा 25 में कहा गया है टीचर को बच्चों की क्लास के अलावा कहीं भी अन्य किसी कार्य के लिए नहीं लगाया जा सकता परंतु दिल्ली सरकार के अधिकतर स्कूलों में धारा 25 का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन किया जा रहा है शिक्षकों को पढ़ाई के अलावा अन्य गैर शिक्षण काम में भी लगा रखा है।
दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री आरसी जैन ने दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल पर सवाल उठाते हुए मांग की है कि दिल्ली के शिक्षा मंत्री दिल्ली के गरीब बच्चों के साथ सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के साथ अन्याय करना बंद करें और मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा अधिकार कानून की धारा 25 का पालन करें।