Delhi Municipal Corporation Elections : विशेष पार्टी के दबाव में तैयार ड्राफ्ट कांग्रेस कमेटी के चैयरमेन हरिशंकर गुप्ता ने दिल्ली चुनाव आयोग पर लगाया राजनीतिक दबाव में ड्राफ्ट तैयार करने का आरोप
राजेंद्र स्वामी
दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर आई परिसीमन कमेटी की रिपोर्ट पर कांग्रेस ने घोर आपत्ति जताई है। इस परिसीमन पर सुझाव पेश करने के लिए कांग्रेस की ओर से गठित ड्राफ्ट कमेटी के चैयरमेन हरिशंकर गुप्ता ने दिल्ली दर्पण टीवी से विशेष बातचीत करते हुए इस परिसीमन रिपोर्ट को मापदंडों का उल्लंघन करते हुए एक विशेष पार्टी के दबाव में तैयार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने इस परिसीमन रिपोर्ट को बदलवाने के लिए आंदोलन करने का ऐलान किया है। उनका कहना था कि 2011 की जनसंख्या 1 करोड़ 64 लाख के हिसाब से 250 नगर निगम क्षेत्रों के हिसाब से प्रत्येक सीट पर 65 हजार जनसंख्या होनी चाहिए पर इस परिसीमन में ऐसा नहीं हैं।
ऐसे ही वार्ड की संख्याओं पर भी खेल किया गया है। वार्डों की प्रोफ़ाइल के हिसाब से उनके नाम । उन्होंने कहा कि हर हालत में इस परिसीमन को बदलवाया जाएगा। उन्होंने दिल्ली चुनाव आयुक विजय देव से मिलकर कांग्रेस की आपत्तियों से अवगत कराने की बात कही है। उन्होंने कहा कांग्रेस के पूर्व विधायक, पार्षद, मेयर सभी से इस बारे में बात की गई है। सभी की राय यह है कि इस ड्राफ्ट को किसी भी सूरत में नहीं माना जाएगा। चुनाव आयोग ने इस परिसीमन पर राजनीतिक दलों और दिल्ली के लोगों से इस परिसीमन पर उनकी राय मांगी है। यह माना जा रहा है कि दिसम्बर तक दिल्ली नगर निगम चुनाव हो सकते हैं।
डरअसल केंद्र सरकार ने राजधानी दिल्ली के नगर निगम में सीटों की कुल संख्या 272 से घटाकर 250 कर दी है। दिल्ली में पहले तीनों एमसीडी नार्थ, साउथ और ईस्ट मिलाकर नगर निगम में कुल 272 वार्ड थे। नार्थ और साउथ एमसीडी में 104-104 वार्ड थे और पूर्वी नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में 64 वार्ड थे। राज्य चुनाव आयोग की ओर से सभी 250 वॉर्डों का ड्राफ्ट परिसीमन रिपोर्ट जारी कर दिया गया है। 70 विधानसभा वाली दिल्ली में 21 विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक वार्ड कम कर दिए गए हैं। हालांकि एक विधानसभा में सीट बढ़ी भी है।
कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी ने भी इस पूरे मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसे गलत करार दिया है। साथ ही वो इस पर सभी आपत्तियों को लेकर जल्द ही राज्य चुनाव आयोग से संपर्क करने की बात कही है।
जनसंख्या के हिसाब से दिल्ली में अब सबसे बड़ा वार्ड मयूर विहार फेज वन होगा। उसके बाद त्रिलोकपुरी और तीसरा बड़ा वार्ड संगम विहार होगा। सबसे छोटा वॉर्ड चांदनी चौक है। परिसीमन रिपोर्ट पर 3 अक्टूबर तक लोगों से आपत्ति और सुझाव मांगे गए हैं। इसके बाद फाइनल रिपोर्ट जारी होगी। आम आदमी पार्टी ने एमसीडी वार्ड के परिसीमन को अतार्किक बताते हुए जल्द ही लोगों की आपत्तियों के साथ राज्य चुनाव आयोग से संपर्क करेगी।
इस परिसीमन पर पर्यावरण मंत्री और दिल्ली AAP के संयोजक गोपाल राय ने कहा कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के विधायक को स्थानीय पदाधिकारियों के साथ परिसीमन मसौदा रिपोर्ट पर चर्चा करने और अपनी टिप्पणियों और आपत्तियों को तैयार करने के लिए कहा गया है। विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्रों में परिवर्तन और परिसीमन आयोग द्वारा की गई गलतियों पर अपनी व्यक्तिगत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। हम एक समिति बनाएंगे जो उन रिपोर्टों पर बारीकी से गौर करेगी।
गोपाल राय ने कहा कि वार्डों का परिसीमन अतार्किक तरीके से किया गया है । ऐसा लगता है कि परिसीमन पैनल ने बिना किसी कारण के एक ब्लॉक या गली को एक वार्ड से दूसरे वार्ड में डाल दिया है। गोपाल राय ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने अपने हिसाब से ऐसा किया है। अनुसूचित जाति के मतदाताओं के लिए आरक्षित विधानसभा क्षेत्रों में वार्डों की संख्या भी कम कर दी गई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कांग्रेस कम सीटों पर जीत हासिल करे, भले ही उसके पास बड़ा वोटबैंक हो।