Friday, November 22, 2024
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Mission 2024 : तो मायावती होंगी तीसरे मोर्चे के प्रधानमंत्री पद की दावेदार!

Mission 2024 : बसपा प्रवक्ता धर्मवीर चौधरी ने कहा-यदि बसपा मुखिया को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाया जाए तो बसपा तीसरे मोर्चे का हिस्सा बनने को है तैयार, दलित चेहरा और भाजपा की खिलाफत के लिए मान सकते हैं तीसरे मोर्चे के पैरोकार

सी.एस. राजपूत 

देश में जब भी आम चुनाव आते हैं तो तीसरे मोर्चे की कवायद शुरू हो जाती है। 2024 के लिए भी तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीसरे मोर्चे के गठन में लग गये हैं। हर बार की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री पद के दावेदार भी लगभग हर दल से बनने को बेताब हैं। जहां टीएमसी से ममता बनर्जी का नाम उभारा जा रहा है, वहीं आम आदमी पार्टी केजरीवाल को प्रधानमंत्री मोदी का सबसे प्रबल प्रतिद्वंद्वी बता रही है। उधर जदयू ने नीतीश कुमार का नाम आगे बढ़ा दिया है।

समाजवादी पार्टी भी अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार मानकर चल रही है। इन दावेदारों में जहां तीन मुख्यमंत्री हैं तो एक पूर्व मुख्यमंत्री। ऐसे में उत्तर प्रदेश की राजनीति में शांत पड़ी बसपा से तीसरे मोर्चे में शामिल होने की बात कही गई है पर बसपा ने एक बड़ी शर्त रख दी है कि बसपा तीसरे मोर्चे में तब शामिल होगी जब बसपा मुखिया मायावती को प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित किया जाएगा। मतलब एक पूर्व मुख्यमंत्री ने भी तीसरे मोर्चे से प्रधानमंत्री पद की दावेदारी ठोक दी है।

 दरअसल सपा की ओर से अखिलेश यादव का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए आगे आने के बाद बसपा ने भी पीएम कैंडिडेट के लिए मायावती का नाम उछाला गया है। बहुजन समाज पार्टी की ओर से तीसरे मोर्चे के लिए सशर्त प्रस्ताव रखा गया है। इसमें दो राय नहीं है कि भले ही मायावती आज की तारीख में अपने भाई आनंद की वजह चुप हों पर उत्तर प्रदेश में उनके कार्यकाल में कानून व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रही है। उनके शासनकाल में प्रशासन में मायावती का भय रहता था। वैसे भी देश में आज भी दलित वोटबैंक पर सबसे मजबूत पकड़ मायावती की ही है। ऐसे में दलित वोटबैंक के चलते तीसरा मोर्चा मायावती को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाया जा सकता है, क्योंकि तीसरे मोर्चे के पास दलित वोटबैंक के लिए कोई मजबूत नेता नहीं है। मायावती के तीसरे मोर्चे में शामिल होने से विपक्ष को दोहरा फायदा होगा। एक से मोर्चे को मोदी की काट के लिए एक मजबूत दलित चेहरा मिल जाएगा दूसरे बसपा को एनडीए का हिस्सा बनने से रोका जा सकेगा। वैसे भी मजबूत स्थिति में भाजपा के खिलाफ जिस तरह से मायावती मोर्चा खोल लेती हैं ऐसे कोई नेता नहीं खोल पाता।


दरअसल यूपी से समाजवादी पार्टी की ओर अखिलेश यादव का नाम आने के बाद बसपा ने भी भी पीएम कैंडिडेट के लिए मायावती का नाम उछाला है। बहुजन समाज पार्टी की ओर तीसरे मोर्चा के लिए सशर्त प्रस्ताव रखा है। बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मवीर चौधरी ने बयान जारी कर कहा कि मायावती को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए तो बसपा तीसरे मोर्चे में शामिल होने के लिए तैयार है। बसपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मवीर चौधरी का कहना है कि मायावती के कद का कोई दूसरा नेता नहीं है। उन्होंने कहा कि इन शर्तों के साथ तीसरे मोर्चे में शामिल होने से कोई परहेज नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वैसे भी केंद्र में सरकार बनाने के लिए यूपी की भागीदारी बहुत जरूरी है। यहां बसपा का प्रभाव बड़े वर्ग पर है, जबकि कांग्रेस का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है।

इससे पहले सपा के राष्ट्रीय सम्मेलन में वरिष्ठ नेता रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि देश में गैर भाजपा सरकार बने और सपा सबसे बड़ी पार्टी बने और अखिलेश यादव प्रधानमंत्री पद पर आएं तो अखिलेश ने उनकी बातों के संदर्भ में कहा कि उन्होंने इतना बड़ा सपना दिखाया है। हम ऐसा नहीं सोचते कि उस पद पर पहुंचे। हम यह सपना जरूर देखते हैं कि किसी तरह भाजपा सरकार सत्ता से बाहर हो जाए। हाल ही में सपा सांसद हसन ने अखिलेश यादव को पीएम पद के लिए उपयुक्त दावेदार बताया था। रविदास मेहरोत्रा के अलावा पूर्व नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने भी यही बात दोहराई है।

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