Mission 2024 : सबसे पहले ममता बनर्जी को गठबंधन का बनाया जा रहा है हिस्सा, कवायद में लगे हैं शरद पवार
सी. एस. राजपूत
कांग्रेस ने 2024 के आम चुनाव में मोदी के विजय रथ को रोकने की पूरी रणनीति तैयार कर ली ही। जहां भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से राहुल गांधी को चुनाव का चेहरा बनाया जा रहा वहीं गांधी परिवार से अलग किसी नेता को पार्टी का अध्यक्ष बनाकर पीएम मोदी के गांधी परिवार को लेकर परिवारवाद पर होने वाले हमलों को रोकने की भी तैयारी कांग्रेस ने कर ली है। विपक्ष में सबसे अड़ियल नेता मानी जा रही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सबसे पहले गठबंधन का हिस्सा बनाया जा रहा है। इसकी कवायद में शरद पवार लगे हैं।
नीतीश कुमार से सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुलाकात पहले ही हो चुकी है। देर सवेर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव को भी मना लिया जाएगा। इस बार कांगेस चाहती है कि गठबंधन चुनाव से पहले हो और सभी दल मिलकर पूरे देश में बीजेपी के खिलाफ ताल ठोके। वैसे भी कांग्रेस इस बार बीजेपी से आर पार की लड़ाई लड़ रही है। राहुल गांधी बार बार बोल रहे हैं कि वह बीजेपी से नहीं डरते हैं।
कांग्रेस और ममता बनर्जी के मतभेदों को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस के पार्टी के मुखिया शरद पवार ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पहले के विवादों को भूलकर आगे बढ़ना चाहती हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि तृणमूल सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रीय हित के लिए कांग्रेस से अपने मतभेद भुलाने और 2024 आम चुनाव से पहले साथ मिलकर विपक्षी दलों का एक गठबंधन बनाने के लिए तैयार हैं। पवार के मुताबिक, बनर्जी ने यह भी कहा था कि वह पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ हुए पिछले अनुभव को भी भूलने को तैयार हैं।
पवार ने कहा कि वह तथा दूसरे दलों के कुछ नेता, जिनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला शामिल हैं, अगले चुनाव के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विरुद्ध मोर्चे का निर्माण करने वास्ते कांग्रेस से हाथ मिलाने के खिलाफ नहीं हैं।
कांग्रेस के साथ मिलकर काम करने के तैयार हैं टीएमसी
कांग्रेस के साथ बनर्जी के मतभेदों और तृणमूल द्वारा पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने के बाबत पूछे गए एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा, ‘ममता बनर्जी ने व्यक्तिगत रूप से कहा था कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय हित में सत्तारूढ़ बीजेपी को चुनौती देने के लिए कांग्रेस के साथ मिलकर काम करने के वास्ते तैयार है।’
ममता और कांग्रेस के पीछे नाराजगी का वजह भी बताया
राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान तृणमूल को लगा था कि कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के गठबंधन ने भाजपा को राज्य में अधिक सीटें प्राप्त करने में मदद की थी। पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस के पदाधिकारी कांग्रेस से बेहद निराश थे लेकिन पार्टी की मुखिया ने अपने रुख में बदलाव किया था। तृणमूल कांग्रेस ने पिछले साल मई में पश्चिम बंगाल चुनाव में बड़ी जीत हासिल की थी।
कई दलों को मत, कांग्रेस विकल्प
नीतीश कुमार और फारूक अब्दुल्ला के साथ अपनी चर्चा के बारे में पवार ने कहा, ‘समान विचारधारा वाले दलों के बीच सहयोग बढ़ाने को लेकर हमने विस्तार से चर्चा की थी। ऐसे कई दल हैं जिनका मत है कि बीजेपी के विकल्प के तौर पर कांग्रेस को महत्व दिया जा सकता है।’