काव्या बजाज
कोरोना के 2 साल बाद गणेश चतुर्थी का त्योहार देशभर में काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है। गणेश चतुर्थी के दिन लोगों अपने अपने घरों और मंदिरों में बप्पा को ला कर उनकी स्थापना करते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जन कर उनको विदा करते हैं। तो आज हम आपको बताएंगे कि गणेश चतुर्थी और विसर्जन को किया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि जब महर्षि वेदव्यास ने महाभारत के लेखन का कार्य आरंभ किया था तो उन्होंने गणेश जी से महाभारत को लिपिबद्ध यानी लिखने की प्रार्थना की। जिसपर गणेश जी ने कहा कि अगर एक बार उन्होंने लिखना शुरू किया तो वह कलम नहीं रोकेंगें। और अगर किसी भी कारण से उनकी कलम रुकी तो वह लिखना बंद कर देंगे।
गणेश चतुर्थी के दिन महर्षि वेदव्यास ने महाभारत बोलनी और गणेश जी ने लिखनी शुरु की। जिसका कार्य 10 दिनों तक चला। कहा जाता है कि जब महर्षि वेदव्यास ने महाभारत बोली शुरू की तो उन्होंने अपनी आंखें बंद कर ली थी, जब 10 दिन के बाद आँखे खोली तो उन्होंने देखा कि महाभारत लिखते समय एक ही मुद्रा में बैठने के कारण गणेश जी के ऊपर काफी मिट्टी और धूल जमा हो गई थी। जिसको सरस्वती नदी के पानी से साफ किया गया जिसकी वजह से गणपति विसर्जन किया जाता है।