दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
दिवाली पर मिठाई और खाने-पीने अन्य चीजों में सबसे अधिक मिलावट देखने को मिलती है। अब मसालों में भी रंग और कई तरह के दूसरे पदार्थों की मिलावट की जाने लगी है। ऐसे में मिलावट के इस खेल से बचने के लिए सरकार की ओर से समय-समय पर अभियान चलाकर मिलावट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। साथ ही दिल्ली सरकार के खाद्य-आपूर्ति विभाग की ओर से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। जहां खाने-पीने की चीजों में मिलावट संबंधी शिकायत की जा सकती है।
हल्दी पाउडर
हल्दी में मेटानिल येलो नामक रसायन की मिलावट की जाती है, जिससे कैंसर जैसी बीमारी का खतरा रहता है। इसे चेक करने के लिए हल्दी पाउडर में कुछ बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड और कुछ बूंदे पानी की डालकर चेक करें। अगर हल्दी का कलर गुलाबी या बैंगनी हो जाए, तो इसमें मिलावट है।
धनिया पाउडर
लोग इसमें कई तरह के खरपतवार को बारीक से पीस कर मिला देते हैं। इसके अलावा आटे की भूसी को भी धनिया में मिला दिया जाता है। अगर धनिया पाउडर से खुशबू नहीं आए तो समझिए कि कुछ मिलावट की गई है।
दाल चीनी
दालचीनी में अमरूद की छाल की मिलावट की जाती है। इसे परखने के लिए हाथ पर रगड़कर देखें। अगर कुछ कलर नजर आए, तो यह असली है नहीं तो नकली है।
लाल मिर्च
मिर्च में लाल रंग या लाल ईंट को बारीक पीस कर भी मिला दिया जाता है। इसे चेक करने के लिए आप मिर्च पाउडर को पानी में डालकर देखें। अगर लाल मिर्च पाउडर पानी में तैरता रहे तो ये शुद्ध है और अगर डूब जाए तो इसमें मिलावट की गई है।
काली मिर्च
काली मिर्च में पपीते के बीजों की मिलावट कर दी जाती है। ऐसा करने से इनका वजन ज्यादा हो जाता है और मुनाफाखोर मुनाफा कमाते हैं। इसे चेक करने के लिए आप काली मिर्च को पानी या शराब में डाल दें। अगर काली मिर्च तैरती दिखाई दें तो नकली हैं और अगर डूब जाए तो असली हैं।
लगातार चल रहा है अभियान
दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने बताया कि त्योहार के सीजन के दौरान विभाग की ओर से नकली मिठाई, मसाले, मावे को लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत अक्टूबर माह में लगभग 100 से अधिक व्यापारियों और कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि जिन दुकानों या गोदामों में नकली सामान बरामद किया जाता है, वहां सील लगाने से लेकर जुर्माना और जेल जाने जैसे प्रावधान किए गए हैं। त्योहार के मौके पर मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहेगा।
चार लाख से ज्यादा की होती है मौत
● दूषित खाने से हर साल बीमार पड़ते हैं 60 करोड़ लोग
● 4.20 लाख लोगों की मौत हो जाती है इनमें से
● 3.3 करोड़ जीवन वर्ष की हानि होती है
● इससे अर्थव्यवस्था, पर्यटन और व्यापार को भी नुकसान पहुंचता है
● कुपोषण जैसी समस्या फिर से से जूझना हो सकता है