दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
Delhi Politics : दिल्ली में भाजपा विधायक अनिल वाजपेयी ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा कचरा संग्रह केंद्र के अवैध आवंटन की सीबीआई जांच कराने की मांग ने विवाद खड़ा कर दिया है। दिल्ली में भाजपा विधायक अनिल वाजपेयी ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा कचरा संग्रह केंद्र के अवैध आवंटन की सीबीआई जांच कराने की मांग ने विवाद खड़ा कर दिया है। यह पत्र अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
गांधी नगर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक बाजपेयी का अपनी पार्टी के नेता और पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर के साथ टकराव है, जिनकी संस्था एमसीडी के ‘ढलाव’ नामक इन कचरा संग्रह केंद्रों को अपने निर्वाचन क्षेत्र में मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने वाली रसोई के रूप में इस्तेमाल कर रही है।
सांसद के एक सहयोगी ने बताया कि इस महीने के अंत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह प्रिया विहार में एक बिना इस्तेमाल वाले ढलाव में स्थापित ‘शहीद भगत सिंह जन लाइब्रेरी’ का उद्घाटन करेंगे।
बाजपेयी ने अपने पत्र में लिखा है, “आपको सूचित किया जाता है कि पूर्वी दिल्ली के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में, ढलावों के लिए आवंटित स्थान को रसोई, पुस्तकालय और अन्य चीजों में बदल दिया गया है, और इनका स्वामित्व एक व्यक्ति के एनजीओ और निजी संगठनों को दिया गया है।”
हालांकि, विधायक ने कहा कि उन्होंने यह पत्र 25 जुलाई को लिखा था, लेकिन उन्हें नहीं पता कि यह पत्र अब कैसे सबका ध्यान खींच रहा है।
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि पत्र अब क्यों घूम रहा है। मैंने इसे किसी व्यक्ति को टारगेट करके नहीं लिखा है, मैं बस इतना चाहता हूं कि एमसीडी बिना किसी उचित प्रक्रिया के ढलावो को देने के बजाय एक टेंडर के माध्यम से ठीक से आवंटित करे।”
बाजपेयी इससे पहले अपने निर्वाचन क्षेत्र के गांधी नगर बाजार में ‘नो एंट्री’ टाइमिंग को लेकर गंभीर से भिड़ चुके थे। भाजपा के सूत्रों ने कहा कि मामले से वरिष्ठ नेताओं को अवगत करा दिया गया है और इस संबंध में एक दो दिनों में किसी कदम की उम्मीद की जा सकती है।
पत्र में, विधायक ने दावा किया कि व्यक्तियों, गैर सरकारी संगठनों और निजी संगठनों को ढलावों के इस तरह के आवंटन के कारण सफाई कर्मचारियों को कुछ क्षेत्रों में कचरा इकट्ठा करना मुश्किल हो रहा था। पत्र में आगे कहा गया है कि सीबीआई जांच के बाद इसमें शामिल लोगों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।