Friday, November 22, 2024
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Delhi Pollution : 28 से फिर शुरू होगा ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान, 100 मेन चौराहों पर 2500 वॉलंटियर्स होंगे तैनात

गोपाल राय ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा-विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हवा की दिशा में बदलाव होता है तो दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अलर्ट है।

दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 
वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार एक बार फिर 28 अक्टूबर से ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान (Red Light On, Gaadi Off Campaign) शुरू करने जा रही है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को यह घोषणा की।

इस अभियान को सबसे पहले 16 अक्टूबर 2020 को वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए शुरू किया गया था। इसके तहत वाहन चालकों को ट्रैफिक लाइट पर इंतजार करने के दौरान वाहन को बंद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

गोपाल राय ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हवा की दिशा में बदलाव होता है तो दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार अलर्ट है। हम वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के सभी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सर्दियों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 15 सूत्रीय कार्ययोजना की शुक्रवार को समीक्षा की।

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि धूल और कचरा जलने के साथ-साथ वाहनों से होने वाले उत्सर्जन की हिस्सेदारी दिल्ली में स्थानीय स्तर पर होने वाले प्रदूषण में सबसे अधिक है। राय ने कहा कि इसलिए दिल्ली सरकार ने 28 अक्टूबर से एक महीने के लिए ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान शुरू करने का फैसला किया है।

उन्होंने बताया कि 100 मुख्य चौराहों पर अभियान के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए 2,500 सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को तैनात किया जाएगा। प्रत्येक ट्रैफिक लाइट पर 10 वॉलंटियर्स दो शिफ्टों में तैनात किए जाएंगे। राय के मुताबिक, मुख्य जोर 10 बड़े चौराहों पर होगा जहां पर 20 वॉलंटियर्स की तैनाती की जाएगी।

पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (पीसीआरए) के आंकड़ों के मुताबिक अगर लोग ट्रैफिक सिगनल पर वाहन को बंद कर दें तो प्रदूषण में 13 से 30 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है।

सरकारी आकलन के मुताबिक, दिल्ली में पीए-2.5 उत्सर्जन में 28 प्रतिशत हिस्सेदारी परिवहन क्षेत्र की है। दिल्ली के वातावरण में 80 प्रतिशत नाइट्रोजन ऑक्साइड और कार्बन मोनो डाई ऑक्साइड प्रदूषण वाहनों से होता है। 

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