Saturday, April 27, 2024
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Indian Politics : कांग्रेस ने पास किया संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ प्रस्ताव 

Indian Politics : प्रस्ताव में आरएसएस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी की नीतियों की जमकर की गई है आलोचना 


दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 

कांग्रेस ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी को टक्कर देने की पूरी रणनीति बना ली है। राहुल गांधी जहां भारत जोड़ो यात्रा पर हैं वहीं कांग्रेस वैचारिक स्तर पर भी भाजपा से दो दो हाथ करने की तैयारी में लगी है। हाल ही में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री  की जयंती पर कांग्रेस ने संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ प्रस्ताव पास किया है। इस प्रस्ताव में भारत के संविधान निर्माताओं द्वारा प्रत्येक नागरिक को धर्म, जाति और भाषा के भेदभाव से मुक्त करने औऱ सबको समान अधिकार देने के प्रावधान को सुनिश्चित किया गया है। इस प्रस्ताव में बताया गया है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संकल्प और बाबा साहब अम्बेडकर के कमज़ोर वर्गों के लिए ठोस न्याय व्यवस्था के सिद्धांत को संविधान में सर्वाधिक समाहित किया गया है। 

इस प्रस्ताव में बताया गया है कि आरएसएस और उसके सहयोगी संगठन प्रारंभ से ही दलित और अल्पसंख्यक विरोधी मानसिकता से ग्रसित रहे हैं। इनका सदैव कमजोर और पिछड़े वर्गों प्रति हीनता का दृष्टिकोण रहा है। ये लोग इन समुदायों को कमजोर करने कोई अवसर नहीं छोड़ते। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि गत 8 वर्षों का भाजपा शासन दलित और अल्पसंख्यक वर्गों के उत्पीड़न की घटनाओं से भरा पड़ा है। भाजपा नेता के हाथों हाथरस की बेटी के साथ दरिंदगी और हत्या देशवासियों को आज भी भयभीत करती है। बिलकिस बानो प्रकरण अल्पसंख्यक महिला समुदाय के उत्पीड़न का ज्वलंत उदहारण है।

इस प्रस्ताव में बताया गया है कि देश की एकता को खंडित करने, देश मे विकराल समस्याओं के अंबार, महंगाई, बेरोजगारी और अराजकता के लिए केंद्र में भाजपा और दिल्ली में केजरीवाल सरकारे एकमुश्त जिम्मेदार है। श्री राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा के माध्यम से देशवासियों में आत्मविश्वास और राष्ट्र प्रेम को सुदृढ़ करने के प्रयास वर्तमान सरकारों की सभी कुरीतियों का सशक्त जवाब है।

इस प्रस्ताव में बताया गया है कि दलित और अल्पसंख्यक विरोधी नीति और नीयत के साथ आज भी संघ और भाजपा हमलावर है जिसका ताजा उदहारण दिल्ली नगर निगम में वार्डो के परिसीमन के लिए जारी प्रारूप है। सुनियोजित साजिश के अंतर्गत पहले नगर निगम को गृह मंत्रालय के अधीन किया गया फिर चुनाव टालने के लिए वार्डो की संख्या  272 से 250 कर परिसीमन की घोषणा की और भाजपा कार्यालय में परिसीमन प्रारूप बनाकर वार्डों को भाजपामय बनाने का षड्यंत्र किया गया। संविधान और लोकतंत्र का उल्लंघन और अवहेलना की गई।

इस प्रस्ताव में बताया गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की भूमिका परिसीमन लेकर भाजपा की पक्षधर साबित हुई। परिसीमन में दलित और अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ घोर उत्पीड़न पर उनकी चुप्पी उन्हें संदेह और सवालों में घेरती है। कांग्रेस ने सदैव सजग प्रहरी समान संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की है। संघ और भाजपा द्वारा परिसीमन के बहाने दलित और अल्पसंख्यक समुदायों को प्रभावहीन और कमजोर करने के विरोध में सर्वप्रथम आवाज बुलंद की और संघर्ष का रास्ता अपनाया। सभी प्रभावित वर्गों को जागरूक कर संगठित किया।

इस प्रस्ताव में बताया गया है कि आज की दलित और अल्पसंख्यक पंचायत हमारे संघर्ष का मजबूत हथियार है जो भाजपा सरकार के अन्याय के खिलाफ निर्णायक भूमिका अदा करेगा। हमारा पंचायत के माध्यम से परिसीमन में किसी भी अन्याय के खिलाफ संघर्ष का संकल्प है।

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