kisan Movement : बाहरी दिल्ली के पंजाब खोड़ में चल रहा एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा का तीन दिवसीय अधिवेशन, जुटे हैं 3000 किसान प्रतिनिधि, 25 राज्यों से पहुँचे हैं ये किसान प्रतिनिधि, खड़ा होगा अनोखा किसान आंदोलन, सरदार वीएम सिंह ने की है बड़ी पहल, राजू शेट्टी भी हैं साथ
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
अब तक तो किसान दिल्ली बॉर्डर, जंतर मंतर और संसद रोड से अपना हक़ मांगता रहा है लेकिन इस बार किसानों ने खेत से एमएसपी गारंटी कानून की मांग की है। दरअसल दिल्ली देहात के पंजाब खोड़ गाँव से एक बार फिर से फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिये कानून बनाने की आवाज़ बुलंद हो रही है। यह आंदोलन एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा के बैनर तले हो रहा है। देश के 25 राज्यों से आये 3000 किसान प्रतिनिधि इसमें हिस्सा ले रहे हैं। तीन दिवसीय अधिवेशन का आज पहला दिन था और किसानों का उत्साह देखते ही बन रहा था। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, बिहार, असम, मेघालय, कर्नाटक, महाराष्ट्र समेत 25 राज्यों के किसानों की एक ही मांग है कि सरकार के द्वारा घोषित एमएसपी पर गारंटी के साथ खरीद हो और इसके लिये एक कानून बने। मंच से किसान नेताओं ने गुरुवार को बार बार इसी पुरानी मांग को दोहराया और देशभर के किसानों को एकजुट होने का संदेश भी दिया ।
इस अवसर पर किसान नेता बीएम सिंह ने कहा कि हम लोग खेत से एमएसपी गारंटी कानून की मांग कर रहे हैं। किसान अब अपने खेत से एमएसपी गारंटी कानून बनवाएगा। उन्होंने कहा कि हम लोग केंद्र सरकार से संवाद के माध्यम से एमएसपी गारंटी कानून बनवाना चाहते हैं। किसान नेताओं का कहना है कि अब वे लोग एमएसपी गारंटी कानून बनवाकर ही अपने घर वापस जाएंगे। दरअसल इस संगठन की स्थापना गत 22 मार्च को लगभग 200 किसान संगठनों ने की है।
किसान नेताओं का कहना है कि जब आज जब दिल्ली में आंदोलन करने की इजाजत नहीं मिल रही है तो उन्होंने 6,7,8 अक्टूबर को एमएसपी गारंटी कानून अधिवेशन दिल्ली देहात के गांव पंजाब खोड़ में आयोजित किया है। इस कार्यक्रम में 28 राज्यों से लगभग 3000 किसान इकठ्ठा होकर रणनीति बना रहे हैं। यह एक ऐतिहासिक कदम है, जिमें जंतर-मंतर एवं संसद मार्ग आकर दिल्लीवासियों को कष्ट न देते हुए किसान अपनी पीड़ा सीधे खेत से सरकार तक पहुंचाएंगे। सरकार को कैसे घेरना है इसकी रणनीति 8 अक्टूबर को बनाने की बात कही है।
गुरुवार को दिन भर के कार्यक्रम में सभी किसान प्रतिनिधियों को अपनी बात रखने का मौका दिया गया। 7 अक्टूबर को समूह में परिचर्चा होगी। अपनी मांग के साथ आगे के आंदोलन के लिये सभी किसान संगठन रूपरेखा भी तैयार करेंगे। तीन दिन तक किसान प्रतिनिधियों के ठहरने का इंतजाम भी खेत में लगाए टेंट में ही किया गया है। वहीं भोजन और अन्य जरूरी सुविधाओं का भी पूरा खयाल किसान नेता वीएम सिंह और उनकी पूरी टीम बखूबी रख रही है।कार्यक्रम में मुख्य रूप बीएम सिंह, राजू शेट्टी, जल पुरुष राजेंद्र सिंह, पीवी राजगोपाल, रामपाल जाट, बलराज भाटी, राजा राम त्रिपाठी, के. चंद्रशेखर, जसकरण सिंह समेत लगभग 200 नेता हैं।
दरअसल गत दिनों दिल्ली बार्डर पर 13 महीने तक चले किसान आंदालन के बाद मोदी सरकार ने किसानों की सभी मांगें मान ली थी। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले इस आंदोलन में वैसे तो एमएसपी गारंटी कानून बनवाने की मांग भी केंद्र सरकार ने मांगने की बात कही थी पर गत दिनों किसान संगठनों ने केंद्र सरकार पर किसान आंदोलन का विरोध करने वाले किसान नेताओं को समिति में रखने का आरोप लगाकर केंद्र सरकार का विरोध किया था और आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार ने उनके साथ विश्वासघात किया है। उस समय गाजीपुर बॉर्डर पर जमे वीएम सिंह के किसान आंदोलन का चेहरा बने भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत से कुछ मुद्दों पर मतभेद गहरा गए थे और वह आंदोलन छोड़कर चले गए थे। अब जब संयुक्त किसान मोर्चा तो अपने स्तर से एमएसपी गारंटी कानून बनवाने के लिए संघर्ष कर रही रहा है। अब 200 किसान संगठनों ने एमएसपी गारंटी कानून गारंटी बनाने के लिए अपना अलग एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा बना लिया है। अब देखना यह है कि खेत में अपनी आवाज बुलंद कर रहा है यह मोर्चा केंद्र सरकार से अपनी बात कहां तक मनवाता है।