ज्योतिरादित्य के समर्थकों को तवज्जो और पुराने भाजपाइयों की उपेक्षा के चलते संगठन में पनप रहा आक्रोश
सी.एस. राजपूत
मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को आगे करने की रणनीति भाजपा हाईकमान को भारी पड़ सकती है। दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया को समर्थकों के सामने पुरानी भाजपाइयों की उपेक्षा भाजपा में बगावत का रास्ता खोल रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को संसदीय बोर्ड से हटाने और गृह मंत्री अमित शाह का मध्य प्रदेश दौरे पर सिंधिया महल में रुकने से पुराने भाजपाइयों में नाराजगी देखने को मिल ही है। नाराजगी और पीड़ा भी ऐसी कि बीजेपी कार्यकर्ता प्रेस कांफ्रेंस में कैमरे के सामने ही अपने आंसू नहीं रोक पा रहे हैं और फफक पड़ रहे हैं।
राजकुमार सिंह धनौरा ने रोते हुए अपना दुखड़ा सुनाया है। उन्होंने कहा कि 30 साल से पार्टी में रहकर काम करता रहा और आज एक कीड़े की तरह से मुझे निकाल दिया गया है। बताया जा रहा है कि धनौरा सुरखी विधानसभा टिकट मांग रहे थे कि इस सीट से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी गोविंद राजपूत के लड़ने की तैयारी चल रही है। उन्होंने बीजेपी की सरकार पर ही आरोप लगाया है कि पुराने बीजेपी कार्यकर्ताओं को झूठे आरोप लगाकर उन पर गलत प्रकरण दर्ज करवाए जा रहे हैं। उन्होंने इस दौरान कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने वाले नए कार्यकर्ताओं और नेताओं पर हमला भी बोला।
कांग्रेस आए नेताओं को सम्मान और पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा
बीजेपी नेता धनौरा ने आगे कहा कि मंत्री गोविंद सिंह के साथ दहेज में आए कांग्रेसी नेताओं को सम्मानित किया जा रहा है और बीजेपी के पुराने कार्यकर्ताओं को उपेक्षित किया जा रहा है। दरअसल धनौरा बीजेपी के कद्दावर मंत्री भूपेंद्र सिंह के रिश्तेदार हैं, जबकि गोविंद सिंह राजपूत उन २२ कांग्रेस विधायकों में से हैं जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे।
1994 से कर रहा यूं पार्टी की सेवा
पार्टी से निकाले जाने के बाद धनौरा ने कहा कि मैं साल 1994 से भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता रहा हूं। मैं अपने परिवार के साथ जनसंघ के समय से बीजेपी से जुड़ा हूं। सोशल मीडिया पर सुरखी विधानसभा की जनता ने मेरे लिए क्षेत्रीय प्रत्याशी के तौर पर समर्थन किया है। अब पार्टी ने मुझे 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया ये कितना उचित है ? उन्होंने कहा कि सुरखी क्षेत्र की जनता के हालात को लेकर मैं उनकी आवाज बनना चाह रहा था।
दरअसल आजकल पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की ओर से मध्य प्रदेश में शिवराज चौहान से ज्यादा तवज्जो ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिल रही है। ऐसा माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रस्तुत करने की तैयारी बीजेपी की है। ऐसे में पुराने बीजेपी नेताओं से ज्यादा तवज्जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को मिलना स्वाभाविक भी है। स्वाभाविक यह भी है कि जब पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा होगा उन्हें अपना टिकट कटने का डर होगा तो फिर बगावत होने की भी पूरी आशंका है।