Thursday, November 7, 2024
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UP Politics : मैनपुरी सीट पर शिवपाल यादव पर दांव लगा सकती है बीजेपी!

आजमगढ़ और रामपुर सीट छीनने के बाद बुलंद हैं योगी आदित्यनाथ के हौसले, डिंपल यादव या फिर धर्मेंद्र यादव को चुनाव लड़ान चाहते हैं अखिलेश यादव, सपा ने न लड़ाया तो निर्दलीय ही ताल ठोक सकते हैं मुलायम सिंह यदव के राजनीतिक अनुज

सीएस राजपूत 

समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद एक बार फिर चाचा-भतीजा आमने सामने आ सकते हैं। वजह नेताजी की मैनपुरी लोकसभा सीट है। मैनपुरी लोकसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव में जहां अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव या फिर भाई धर्मेंद्र यादव को चुनाव लड़ाना चाहेंगे तो शिवपाल यादव नेताजी की इस सीट पर दावा ठोकने की फिराक में हैं। हालांकि शिवपाल यादव का मनाने के लिए अखिलेश यादव के पास यह अच्छा मौका है। यदि अखिलेश यादव शिवपाल यादव को मैनपुरी से लोकसभा उप चुनाव लड़ा दें तो उनका यह शिवपाल यादव पर एक एहसान हो जाएगा और हो सकता है कि शिवपाल यादव अखिलेश यादव के नेतृत्व में काम करने लगें। पर ऐसा दूर दूर तक नहीं दिखाई दे रहा है।
अखिलेश यादव किसी भी सूरत में शिवपाल यादव को मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव नहीं लड़ाएंगे।

ऐसे में शिवपाल यादव निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसे में यदि मैनपुरी में बीजेपी ने शिवपाल यादव की मदद कर दी तो अखिलेश यादव को मामला उल्टा भी पड़ सकता है। इसकी बड़ी वजह यह है कि यशवंत नगर से खुद शिवपाल यादव विधायक हंै और मैनपुरी के लोगों को यह भी एहसास है कि शिवपाल यादव के साथ अखिलेश यादव ने ठीक नहीं किया है। ऐसे में यदि शिवपाल यादव को लोगों की सहानुभूति मिल गई तो कहीं आजमगढ़ और रामपुर की ारह मैनपुरी सीट भी सपा के हाथ से न निकल जाए। अखिलेश यादव को यह भी समझ लेना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसे ही नेताजी के अंतिम संस्कार में नहीं गये थे ? ऐसे ही मोदी ने गुजरात से नेताजी की शान में कसीदे नहीं पढ़े थे। लोकसभा उप चुनाव में मोदी और योगी नेताजी की शान में कसीदे पढ़-पढ़कर अखिलेश यादव की कमी निकालने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। वैसे भी नेताजी ने २०१९ के लोकसभा चुनाव से पहले ही लोकसभा में मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनने की अग्रिम शुभकामनाएं दे दी थी।

दरअसल मैनपुरी लोकसभा सीट से मुलायम सिंह यादव १९९६ में पहली बार सांसद बने थे जब उनके प्रधानमंत्री बनने की संभावना बनी थी लेकिन लालू यादव के विरोध के कारण वो पीएम नहीं बन सके थे। मुलायम सिंह फिर २००४,२००९,२०१४ मे भी इस सीट से जीतकर संसद पहुंचे। चुनाव के बाद मुलायम सिंह के सीट छोड़ने की वजह से मैनपुरी से उप चुनाव के जरिए उनके भतीजे धर्मेंद्र यादव और पोते तेज प्रताप यादव भी लोकसभा पहुंच चुके हंै। कुल मिलाकर मुलायम सिंह की इस सीट पर मुलायम परिवार के दो बच्चे उप चुनाव के रास्ते लोकसभा पहुंचे। एक बार फिर उनके निधन से उप चुनाव की स्थिति पैदा हो गई है।

चर्चा में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के साथ-साथ धर्मेेंद्र यादव और तेज प्रताप यादव के भी नाम हैं। तीनों उप चुनाव जीतकर ही पहली बार लोकसभा पहुंचे थे। डिंपल पहली पसंद और धमेंद्र दूसरी पसंद हो सकते हैं। लेकिन मुलायम सिंह परिवार में राजनीतिक झगड़े के एक मोर्चे पर शिवपाल यादव हैं जो अपनी पार्टी प्रसपा बनाकर  राजनीति कर रहे हैं। मुलायम सिंह के निधन के बाद अखिलेश यादव ने कोई बयान नहीं दिया है। लेकिन शिवपाल ने राजनीति या उप चुनाव पर बिना चर्चा किए अपने ओैर अपने लोगों के सम्मान की बात उठा दी है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि सम्मान का सवाल उठाकर शिवपाल ने तो संकेत दे दिय है कि अखिलेश और सपा को लेकर उनका नजरिया मुलायम सिंह के निधन से पहले जैसा था, वैसा ही अब भी है। बहुत तेज चर्चा है कि अखिलेश अगर मुलायम सिंह  की सीट से चाचा शिवपाल सिंह को टिकय नहीं देते हैं तो शिवपाल मैनपुरी लोकसभा सीट से निर्दलीय ही उप चुनाव लड़ जाएं।

इस तरह की चर्चा करने वालों का यह भी कहना है कि ऐसी सूरत में बीजेपी मैनपुरी सीट से कैंडिडेट नहीं देगी और खुलकर या इशारों में वोटरों से शिवपाल को वोट करने को कहेगी। अखिलेश यादव की आजमगढ़ और आजम खान की रामपुर लोकसभा सीट पर उप चुनाव जीतकर बीजेपी के हौसले बुलंद हैं और वो मैनपुरी भी झटकने की पूरी कोशिश कर सकती है। सपा का गढ़ कही जाने वाली मैनपुरी सीट सपा से छीनने के लिए बीजेपी कैंडिडेट दे या किसी निर्दलीय को सपोर्ट कर दे दोनों उसकी राजनीति को सूट करता है। वैसे सपा में कुछ लोगों को लगता है कि मुलायम सिंह यादव के नरेंद्र मोदी और अमित शाह से निजी संबंध इतने अच्छे रहे हैं कि इस बात की भी संभावना है कि दोनों उसकी राजनीति को सूट करता है। वैसा सपा में कुछ लोगों को लगता है कि मुलायम सिंह यादव के नरेंद्र मोदी और अमित शाह से निजी संबंध इतने अच्छे रहे हैं कि इस बात की भी संभावना है कि मुलायम सिंह के सम्मान में बीजेपी इस सीट पर उप चुनाव में कंडिडेट ही न दे।

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