शनिवार को देश की राजधानी में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) को जो अपार जन समर्थन मिला उससे प्रदेश कांग्रेस भी खासी उत्साहित है। सबसे अहम बात यह कि तमाम वरिष्ठ कांग्रेसियों में अब इस बात पर भी गहन मंथन शुरू हो गया है।
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
नई दिल्ली । शनिवार को देश की राजधानी में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) को जो अपार जन समर्थन मिला, उससे प्रदेश कांग्रेस भी खासी उत्साहित है। सबसे अहम बात यह कि तमाम वरिष्ठ कांग्रेसियों में अब इस बात पर भी गहन मंथन शुरू हो गया है कि दिल्ली में कांग्रेस के प्रति जनता के इस उत्साह को बरकरार कैसे रखा जाए और उसे आने वाले चुनावों में वोट में कैसे तब्दील किया जाए। इन नेताओं का यह भी मानना है कि अगर इस बार भी ढील बरती गई तो फिर भविष्य में दोबारा ऐसा मौका पता नहीं, कब मिल पाएगा।
गौरतलब है कि तकरीबन एक दशक पहले जब निर्भया कांड के बाद कांग्रेस दिल्ली की सत्ता से बाहर हुई तो उसके बाद फिर इसका ग्राफ लगातार गिरता ही गया है। आज आलम यह है कि न दिल्ली से पार्टी का कोई सांसद है, न ही विधायक। पार्षदों की संख्या भी पांच प्रतिशत से कम है। पार्टी को अच्छा वोट मिलना तो दूर की बात, दिल्ली वासी उनकी गतिविधियों में भी कोई खास दिलचस्पी नहीं लेते।
दिल्ली में कांग्रेस के लिए संजीवनी से कम नहीं है भारत जोड़ो यात्रा
इस हालात के बीच राहुल की यात्रा में जिस हद तक लोग जुटे एवं शामिल हुए, वो दम तोड़ती कांग्रेस के लिए संजीवनी से कम नहीं है। वैसे 2017 और 2021 में रामलीला मैदान में हुई राहुल की रैलियों में भी बड़ी संख्या में लोग जुटे थे, लेकिन रैलियों की भीड़ को जहां प्रायोजित मान लिया जाता है।
वहीं यात्रा में शामिल भीड़ को लेकर ऐसा नहीं था। कमोबेश हर वर्ग के लोग इसमें स्वेच्छा से शामिल हुए। अब इस समर्थन को बनाए रखना पार्टी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
बदलाव और कड़ी मेहनत की जरूरत
प्रदेश कांग्रेस के अनेक वरिष्ठ नेता (पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद) स्वीकार करते हैं कि इसके लिए संगठन के स्तर पर कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। सर्वप्रथम तो संगठनात्मक स्तर पर बड़े बदलाव की जरूरत है। नेतृत्व ऐसा हो जो खुद को छोटा बनाकर सभी को साथ लेकर चल सके। ऐसा नहीं जो हाथ में हर वक्त तलवार लिए ही खड़ा रहे।
नेतृत्व मजबूत होगा तो पार्टी होगी मजबूत
नेतृत्व मजबूत होगा तो टीम भी मजबूत ही खड़ी होगी। जब टीम अच्छी होगी तो पार्टी का हर प्रकोष्ठ गठित और सक्रिय हो सकेगा। इससे लोग जुड़ेंगे भी और उनके बीच एक संदेश भी जाएगा। इन नेताओं के मुताबिक राहुल ने इस यात्रा के जरिये जो एक नेरेटिव सेट किया है, उसे भी जमीनी स्तर पर ब्लॉक स्तर तक ले जाना होगा। अगर ऐसा होगा, तभी लगभग डेढ़ साल बाद होने वाले लोकसभा एवं दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ सकेगा।