-दिल्ली दर्पण ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस में अपने कम्युनिटी पुलिसिंग के कई प्रयोग और प्रोजेक्ट को लेकर लगातार चर्चा में रही नॉर्थ वेस्ट डीसीपी उषा रंगनानी ने अब अपने जिला क्षेत्र में के और मुहिम की शुरुआत की है। इस मुहिम का नाम है ऑपरेशन ” बदलाव” । इस मुहिम का मकसद है समाज से नशीले पदार्थों के खतरे को मिटाने, नशा मुक्त समाज बनाने और युवा मन को अपराध और आपराधिक गतिविधियों से दूर रखना। एक महीने भर तक चलने वाले इस ‘ऑपरेशन बदलाव ‘ की शुरुआत सबसे ज्यादा संवेदनशील इलाके जहांगीरपुरी से की गयी है।
महीने भर नशे के खिलाफ चलने वाले इस अभियान में, सेमिनार , कॉउन्सिलिंग , नुक्कड़ नाटक आदि जरिये नशे के आदि और नशे की और जा सकने वाले युवकों को जागरूक और जिम्मेदार बनाने की कोशिस की जाएगी। इनमें जहांगीर पूरी क्षेत्र पर मुख्य जोर रहेगा। यहाँ वर्ष 2022 में 31 प्रतिशत सीसीएल जघन्य अपराधों में शामिल पाए गए थे। नशा करने वालों की पहचान की गयी और उन्हें उचित मदद और मार्गदर्शन देकर उनके पुनर्वास की व्यवस्था की गयी है। उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए उनका नशा छुड़वाने व् नशीली दवाओं की लत को दूर करवाने में मदद दी गयी। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया की वे रोजगार भी पा सके। इसके लिए इन्हे तकनीक कौशल की भी ट्रेनिंग दी गयी है।
डीसीपी उषा रंगनानी ने जितना जोर नशे के आदि लोगों के पुनर्वास पर दिया है उससे ज्यादा जोर नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने पर भी दिया है। इसके अलावा, विभिन्न स्थानों पर विशेष जागरूकता अभियान चलाए गए, जिसमें निवासियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इसमें दवा जागरूकता सेमिनार, परामर्श सत्र, नुक्कड़-नाटक और संवेदीकरण कार्यक्रम शामिल थे। जहाँगीरपुरी और लाल बाग क्षेत्र में विशेष परामर्श सत्र आयोजित किए गए, जहां युवाओं को अपराध की दुनिया की ओर झुकाव से बचने, अपराधियों और असामाजिक तत्वों की संगति से दूर रहने और घृणास्पद वीडियो की नकल न करने और उन्हें चैनलाइज करने की सलाह दी गई। साथ ही खेल गतिविधियों और कौशल प्रशिक्षण के प्रति जागरूक किया गया।
डीसीपी उषा रंगनानी ने क्राइम के साथ क्रिमिनोलॉजी को भी समझा है। यही वजह ही की उनका फोकस सबसे ज्यादा जहांगीरपुरी इलाके पर है। यही वह इलाका है जहाँ “बदनाम गैंग ” के तीन युवा लड़कों ने इस शख्स की महज इसलिए ह्त्या कर दी ताकि वे अपना खौफ और दबदबा इलाके में कायम कर सकें। उस शख्स को वे जानते तक नहीं थे फिर भी उन्होंने न केवल उसकी ह्त्या की बल्कि उसका विडिओ भी बनाया ताकि वे उसे सोशल मीडिया पोस्ट कर लोगों में अपने दहशत बना सके। पुलिस ने न केवल तीनों सीसीएल को “बदनाम गैंग मर्डर केस” में गिरफ्तार किया है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के प्रयास भी किए है कि इस तरह की क्रूरता के परिणाम समान मानसिकता वाले अन्य युवाओं के लिए एक मिसाल कायम करें। इस मामले में, जेजेबी के समक्ष आरोप पर बहस के दौरान, यह अनुरोध किया गया था कि 17 वर्ष की आयु के एक सीसीएल के मुकदमे को सत्र न्यायालय में स्थानांतरित किया जा सकता है ताकि उसका परीक्षण एक वयस्क की तरह आगे बढ़ाया जा सके और जेजेबी द्वारा इसकी अनुमति दी गई। जहांगीरपुरी सब डिवीजन में वर्ष 2022 में 31% सीसीएल हत्या (53%), हत्या का प्रयास (32.5%) और डकैती (18%) सहित अपराधों में शामिल पाए गए।
ऑपरेशन बदलाव अभियान के तहत प्रमुख घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए विभिन्न स्वयंसेवकों , एनजीओ के सहयोग से संगम पार्क, जहांगीरपुरी, वजीरपुर और लाल बाग के क्षेत्रों में नुक्कड़-नाटक आयोजित किए गए। इन नुक्कड़-नाटकों के माध्यम से कहानी कहने की नाट्य प्रस्तुति ने युवाओं को जागरूक किया। उन्हें समझाया गया कि कैसे नशे की लत के परिवार बर्बाद होते है। समाज दूषित हो रहा है। “ऑपरेशन बदलाव ” के जरिये सचमुच कुछ बदलाव आ सके डीसीपी उषा रंगनानी इसे लिए सख्ती -समझदारी ,स्नेह सहयोग के साथ काम कर रही है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए की नॉर्थ वेस्ट जिला पुलिस की यह प्रोजेक्ट भी तेजस्वनी , युवा जैसी योजनाओं के साथ हर वर्ग और हर उम्र के लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के प्रयास किये है। लेकिन उषा रंगनानी के लिए “ऑपरेशन बदलाव ” एक बड़ी चुनौती है।