हाईकोर्ट ने एसपी पूर्व, अंचल अधिकारी और अगमकुआं थाना प्रभारियों को 8 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है।
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
Bulldozer Action In Patna: एक याचिकाकर्ता के घर को “अवैध रूप से” ध्वस्त करने पर पटना (Patna) के एक थाने के अफसरों पर पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति (Justice of Patna High Court) ने नाराजगी जताई है। न्यायमूर्ति संदीप कुमार (Justice Sandeep Kumar) ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा, “यहां भी बुलडोजर चलने लगा … तमाशा बना दिया किसी का घर” बुलडोजर से तोड़ देंगे।”
याचिकाकर्ता सहयोग देवी का घर 15 अक्टूबर को ढहा दिया गया था
न्यायमूर्ति कुमार ने पटना की अगमकुआं पुलिस को “कुछ भू-माफियाओं के साथ हाथ मिलाने और कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना याचिकाकर्ता के घर को अवैध रूप से ध्वस्त करने” पर फटकार लगाई। याचिकाकर्ता सहयोग देवी का घर 15 अक्टूबर को ढहा दिया गया था। हाईकोर्ट ने एसपी पूर्व, अंचल अधिकारी और अगमकुआं थाना प्रभारियों को 8 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है।
जस्टिस कुमार ने कहा- आप किसका प्रतिनिधित्व करते हैं
आदेश 24 नवंबर को लिखा गया था। शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में जस्टिस कुमार को यह कहते हुए सुना जा सकता है: “यहां भी बुलडोजर चलने लगा, ऐसा कौन शक्तिशाली आदमी है जो बुलडोजर लेकर तोड़ दिया उनका मकान।” आप किसका प्रतिनिधित्व करते हैं? राज्य या निजी व्यक्ति? तमाशा बना दिया कि किसी का घर बुलडोजर से तोड़ देंगे।”
उन्होंने कहा, “क्या पुलिस थाने को भी भूमि विवाद के मामलों को सुलझाने की शक्ति दी गई है? अगर किसी को कोई दिक्कत है तो वह थाने जाएगा, रिश्वत देगा और किसी का घर तोड़ देगा। आप कोर्ट, सिविल कोर्ट को बंद क्यों नहीं कर देते?”
जब याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल पर भी जमीन खाली करने का दबाव डाला गया और एक झूठी प्राथमिकी भी दर्ज की गई, तो न्यायमूर्ति कुमार ने कहा, “बहुत अच्छे … मैं यहां आपकी रक्षा के लिए हूं, आपको परेशान करने के लिए नहीं।” उन्होंने कहा, “हम आपको प्रत्येक (ध्वंस के लिए जिम्मेदार अधिकारी) की जेब से 5 लाख रुपये का मुआवजा देंगे … पुलिस और सीओ मिलकर घर तुड़वा रहा है घूस लेकर।”
अदालत के आदेश में कहा गया है: “याचिकाकर्ता के विद्वान वकील ने यह भी बताया कि भू-माफिया के कहने पर याचिकाकर्ता और परिवार के सदस्यों के खिलाफ जमीन खाली करने के लिए दबाव डालने के लिए पुलिस द्वारा एक झूठा मामला दर्ज किया गया है। अगमकुआं थाने की प्राथमिकी की आगे की कार्यवाही… स्थगित रहेगी और पुलिस को याचिकाकर्ताओं और उनके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार करने से रोका जाता है जो मामले में आरोपी हैं।”
बाद में याचिकाकर्ता सहयोग देवी के वकील कुमार अमित ने कहा, “पुलिस ने पहले आरोपी का मामला दर्ज करके गलती की। न्यायाधीश ने इसका विरोध किया और इसकी कार्यवाही पर रोक लगा दी… चूंकि जमीन का एक हिस्सा कुछ लोगों को बेचा गया था, इसलिए उन्होंने अवैध कब्जे की कोशिश की थी।”