सरकारी स्कूलों के बच्चों को फिनलैंड भेजने से एलजी वीके सक्सेना के फाइल रोकने का मामला
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
यह एलजी कौन हैं जिसे हमारे सिर के ऊपर बैठा दिया गया है। ये लोग हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं लेना देना चाहते हैं। जब बीजेपी के नेताओं, विधायकों और मंत्रियों के बच्चे विदेश में पढ़ सकते हैं तो फिर गरीब बच्चे क्यों नहीं पढ़ सकते ? यह बात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र में एलजी वीके सक्सेना और बीजेपी की मिलीभगत पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि एलजी ने दो बार सरकारी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को फ़िनलैंड भेजने की फाइल रोक दी है। केजरीवाल का एलजी के इस रुख पर कहा कि उनकी नीयत गरीब बच्चों को विदेश से अच्छी शिक्षा ग्रहण करने न देने की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में सबसे अच्छी शिक्षा फिनलैंड में मिलती है।
अरविंद केजरीवाल ने एक बाबू के काम का हवाला देते हुए कहा कि जब आप लाइंसेंस बनवाने के लिए जाएं तो बाबू रिश्वत लेने की नीयत से आपकी फाइल रोक देगा। वह आपको इतना परेशान कर देगा कि आपको किसी दलाल का सहारा लेना पड़ेगा। उन्होंने कहा ऐसे ही गरीब बच्चों की अच्छी पढ़ाई करने से रोकने की नीयत से एलजी फाइल रोक ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि एलजी ने दो बार बच्चों की फाइल रोकी है।
दरअसल दिल्ली में एलजी सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच बड़ा विवाद चल रहा है। एलजी वीके सक्सेना दिल्ली सरकार के हर काम में रोड़ा बन रहे हैं। अरविन्द केजरीवाल ने बाकायदा एलजी से मिलकर उनसे उनके और दिल्ली सरकार के अधिकारों के बारे में पूछा है। उनके सवालों से संतुष्ट न होने पर प्रेस वार्ता कर एक सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए मेयर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी के साथ ही 10 एल्डर सदस्यों की नियुक्ति को अवैध करार दिया है। विज्ञापन में खर्च किये गए 197 करोड़ रूपये की रिकवरी के आदेश को भी अवैध बताया है। अरविंद केजरीवाल ने एलजी वीके सक्सेना पर बीजेपी के एजेंट का आरोप लगायाा है।