31 साल पहले मुरली मनोहर जोशी की टीम का हिस्सा बनकर मोदी भी फहरा चुके हैं लाल चौक पर तिरंगा
सीएस राजपूत
कांग्रेस हर मामले में राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रतिद्वंद्वी बनाने में लगी है। कांग्रेस ने जहां कन्याकुमारी से लेकर जम्मू कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा के नाम पर राहुल गांधी से पदयात्रा निकलवा कर उन्हें जुझारू नेता साबित करने का प्रयास किया वहीँ पर यात्रा के अंत में जम्मू कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहरवाकर मोदी के बराबर खड़ा दिखाया।
दरअसल बीजेपी नरेंद्र मोदी के जम्मू कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने को बड़े रूप में लेती है। बीजेपी के एजेंडे में राम मंदिर निर्माण की तरह ही जम्मू कश्मीर में 370 धारा को हटाने का मुद्दा भी अहम रहा है। यह 370 धारा ही रही है जो जम्मू कश्मीर का झंडा अलग करती थी। यही वजह थी कि बीजेपी लाल चौक पर तिरंगा फहराने को बड़ी तवज्जो देती थी।
मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी ने भी फहराया था तिरंगा
दरअसल बीजेपी केंद्र की सत्ता तक हिदुत्व के मुद्दे पर पहुंची है पर बीजेपी हिंदुत्व के साथ ही राष्ट्रवाद भी विशेष रूप से आगे रखती है। बीजेपी जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा मानते हुए लालचौक पर तिरंगे के फहराने को राष्ट्रवाद के रूप में देखती है।
भले ही आज की तारीख में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने मुरली मनोहर जोशी को साइडलाइन कर रखा हो पर एक समय वह भी था कि नरेंद्र मोदी ने मुरली मनोहर जोशी की टीम का हिस्सा बनते हुए लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। बात 31 साल पुरानी है जब मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी ने 26 जनवरी 1992 को लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। दरअसल 1992 में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा पूरी तरह से गर्म था और मोदी बीजेपी के सीनियर नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ थे। यह वह दौर था तब बीजेपी के तिरंगा फहराने के ऐलान के बाद पूरी कश्मीर घाटी में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई थी।
तब अलगाववादियों की ओर से धमकी दी गई थी कि जम्मू कश्मीर में ऐसा नई होने दिया जाएगा। भाजपा की इस यात्रा के पूरी होने से पहले ही आतंकवादियों ने पुलिस मुख्यालय पर ग्रेनेड अटैक कर दिया था। इस अटैक में तब के पुलिस महानिदेशक जेएन सक्सेना घायल हो गए थे। ऐसा भी कहा जाता है कि लाल चौक पर तिरंगा फहराते हुए तत्कालीन बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी भी अलगाववादियों के निशाने थे पर आतंकवादी सफल नहीं हो पाए थे।
आज की तारीख की बात करें तो बीजेपी की जगह कांग्रेस है। कांग्रेस विपक्ष में मुख्य पार्टी की भूमिका निभा रही है और केंद्र में बीजेपी की सरकार है। उस समय बीजेपी विपक्ष में थी और केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। उस समय बीजेपी राम मंदिर निर्माण आंदोलन कर रही थी तो आज की तारीख में राहुल गांधी भारत जोड़ा यात्रा पर हैं। राहुल गांधी की यात्रा अंतिम पड़ाव की ओर है। सोमवार को जम्मू कश्मीर में इस यात्रा का समापन हो जाएगा। यही वजहर रही कि समापन से पहले रविवार दोपहर राहुल गांधी ने श्रीनगर स्थित लाल चौक पर तिरंगा फहराया।
दरअसल राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में सुबह के चरण में वॉक करने के बाद दोपहर 12 बजे लाल चौक पहुंचे। उनके साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी और कई सीनियर कांग्रेस नेता भी मौजूद थे। लाल चौक पर तिरंगा फहराने से पहले कांग्रेस नेताओं ने वंदे मातरम् गाया और फिर राहुल गांधी ने यहां तिरंगा फहराया। लाल चौक पर तिरंगा फहराने के बाद राहुल गांधी यहां से तुरंत निकल गए। हालांकि यहां मौजूद कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया गया।
लाल चौक पर मौजूद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि जब समाज में नफरत बढ़ रही थी तो राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा शुरू की। नफरत छोड़ो भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से वे एक संदेश देना चाहते थे कि देश की अखंडता से जो भी खिलवाड़ करेगा कांग्रेस पार्टी उसको सहन नहीं करेगी।
हरियाणा कांग्रेस के नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आज देश ने एक भावना दिखाई है कि देश एक है। धर्म, जाति, भाषा सबसे ऊपर उठकर देश एक है। भारत जोड़ो यानि कि नफरत को प्यार से जोड़ो, किसान को सम्मान से MSP गारंटी से जोड़ो, कर्मचारी को ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) से जोड़ो…ये हमारा नारा है। इससे पहले लाल चौक (Lal Chowk) पर ध्वजारोहण की जानकारी कांग्रेस पार्टी ने खुद ट्वीट कर दी थी। कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट कर बताया था, “एक पदयात्रा…कन्याकुमारी से कश्मीर तक, नफरत को हराकर – दिलों को जोड़ने के लिए… असंभव सी लगने वाली भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुकी है…जो आज पन्था चौक से सोनवार चौक तक जाएगी और लाल चौक पर गर्व से तिरंगा फहराएगी। यात्रा जारी है और जय हिंद सब पर भारी है।”