Friday, April 26, 2024
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Wrestlers Protest : अजय टेनी की तरह ही बृजभूषण शरण सिंह का बचा रही है केंद्र सरकार!

बृजभूषण शरण सिंह ने मामले के पीछे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का बताया है हाथ, बजरंग पूनिया ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पर लगाया है मामले को सियासती रूप देने का आरोप

सी.एस. राजपूत 

कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन शोषण के मामले में केंद्र सरकार की चुप्पी पर लखीमपुर कांड में अजय टेनी के बचाव की बात याद आ रही है। केंद्र सरकार ने जैसे लखीमपुर कांड में उकसावे का काम करने वाले अजय मिश्रा को बचाया था ऐसे ही यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को बचाया जा रहा है। विनेश फौगाट, बजरंग पूनिया, शाक्षी malik समेत देश के जाने माने खिलाड़ी इस हाड़ कंपाती ठंड में दिल्ली जंतर-मंतर पर न्याय के लिए प्रोस्टेट कर रहे हैं। बृजभूषण सिंह शरण पर यौन शोषण के आरोप लगाकर उन्हें उनके पद से हटाने की मांग कर रहे हैं और केंद्र सरकार है कि चुप्पी साधे बैठे है। उल्टे बृजभूषण ने कह दिया है कि इस आंदोलन से शाहीनबाग आंदोलन की बू आ रही है इसलिए वह इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने कांग्रेस पर उन्हें फंसाने का आरोप भी लगा दिया है। इसके पीछ उन्होंने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का हाथ बताया है। आंदोलित पहलवानों ने कह दिया है कि उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। उन्होंने मामले में एफआईआर दर्ज कराने की बात भी की है। ओलंपियन वीजेंद्र सिंह ने भी जंतर-मंतर पर पहुंचकर आंदोलन का समर्थन किया है। बजरंग पूनिया ने तो बृजभूषण शरण सिंह पर मामले को सियासत के साथ ही  जाति का रूप देने का भी आरोप लगाया है।

इस बीच भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है। कमेटी में सदस्य मैरी कॉम, डोला बनर्जी, अलकनंदा अशोक, योगेश्वर दत्त, सहदेव यादव और दो अधिवक्ता शामिल हैं। वहीं, दूसरी ओर WFI के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan Singh) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की। बृजभूषण शरण सिंह ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में पहलवानों के आरोपों को सियासी साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा कांग्रेस के नेता दीपेंद्र हुड्डा के इशारे पर पहलवानों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। पहलवान उन्हें 15 दिन पहले तक उन्हें कुश्ती का भगवान कहते थे लेकिन अचानक उन्हें उनमें खलनायक नजर आने लगा। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि वह 22 तारीख को अपनी कमेटी से मीटिंग के बाद कोई भी फैसला लेंगे।

दिलचस्प बात यह है कि आरोप लगाने वाले को आम लोग नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवान हैं और बचाव करने वाली बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली सरकार। यौन शोषण का आरोप लगाने वाली वे महिला पहलवान हैं जिन्होंने दूसरे देशों में जाकर भी भारत का नाम रोशन किया है। बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली विनेश फौगाट कोई गली मोहल्ले की खिलाड़ी भी नहीं हैं। ओलंपियन हैं। ओलंपियन भी ऐसी कि खुद प्रधानमंत्री ने उनकी तारीफ की थी। तो क्या आज की तारीख में प्रधानमंत्री मोदी को विनेश फौगाट के आंसू नहीं दिखाई दे रहे हैं। तो क्या पीएम मोदी को आगे बढ़कर तत्काल रूप से बृजभूषण शरण सिंह को पद से  हटा नहीं देना चाहिए था।  जांच पूरी न होने तक बर्खास्त नहीं कर देना चाहिए था।
दरअसल देखने में आया है कि चाहे केंद्र सरकार के मंत्री हों या फिर सांसद आरोप कितने भी बड़े लग जाए, सरकार उनका बचाव करती है। लखीमपुर खीरी कांड मामले में भी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय टेनी का बचाव केंद्र सरकार ने ऐसी ही किया था। अजय टेनी ने वहां पर आंदोलित किसानों का धमकी दी थी कि वे उनका बैकग्राउंड देख लें। उन्होंने किसानों को धमकी दी थी कि सुधर जाएं तो नहीं सुधार दिये जाएंगे। अजय टेनी के इस बयान के कुछ दिन बाद ही उनका बेटे आशीष ने गाड़ी चढ़ाकर तीन किसानों की हत्या कर दी। आशीष की गिरफ्तारी तो हो गई थी पर अजय टेनी को गिरफ्तार करना तो दूर की बात है उनके पद से हटाया भी नहीं गया था। हालांकि बाद में आशीष कोभी जमानत दे दी गई। अजय टेनी खुलेआम सरकारक हिस्सा बने हुए हैं। ऐसा ही रवैया केंद्र सरकार का बृजभूषण शरण सिंह के मामले में भी है। देश के पहलवान बृजभूषण सिंह पर कार्रवाई की माांग कर रहे हैं सरकार मामले को सियासती रूप देने में लगी है। केंद्र सरकार को तो हर काम में कांग्रेस का हाथ नजर आने लगता है।  

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