Monday, November 18, 2024
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Delhi Mayor Election : सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप बिना दिल्ली को नहीं मिल सकता मेयर और डिप्टी मेयर!

दिल्ली की पावर एलजी के पास रहेगी या फिर सीएम के, इसका फैसला हुए बिना नामुमकिन लग रहा है दिल्ली मेयर का  चुनाव 

सी.एस. राजपूत 

पास एलजी वीके सक्सेना के लिए गये फैसलों को अवैध बताकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात करने वाली आम आदमी पार्टी भला इस व्यवस्था में मेयर चुनाव कैसे होने दे सकती है ? वह भी तब जब उसकी समझ में आ गय है कि बीजेपी एलजी के सहारे कांग्रेस के समर्थन से न केवल मेयर और डिप्टी मेयर बल्कि स्टैंडिंग कमेटी को कब्जाने की रणनीति बना चुकी है। यही वजह है कि आम आदमी पार्टी सुप्रीम में जाने की बात कर रही है। दिल्ली के लोगों को यह समझ लेना चाहिए कि जब तक एलजी और दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट से फैसला नहीं आ जाता तब तक मेयर चुनाव की उम्मीद छोड़ देना चाहिए। दरअसल एमसीडी चुनाव होने के बाद यह तीसरी बार हुआ है कि मेयर का चुनाव नहीं हो पाया है। मतलब इन परिस्थितियों में कहीं से भी मेयर चुनाव होने की उम्मीद नहीं रही है।

दरअसल आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्पष्ट कर चुके हैं कि एलजी वीके सक्सेना ने जो पीठासीन अधिकारी और 10 एल्डर सदस्य नियुक्ति किये हैं वे अवैध हैं। ऐसे में जब तक एलजी के नियुक्ति किये गये पीठासीन अधिकारी और 10  एल्डर सदस्य रहेंगे तो कैसे उम्मीद कर सकते हेैं कि मेयर चुनाव हो पाएगा। मेयर चुनाव होने का बड़ा कारण यह भी है कि एमसीडी में जीत दर्ज आम आदमी पार्टी ने की है और मेयर डिप्टी मेयर के साथ ही 10  स्थायी सदस्य बनाने की फिराक में बीजेपी है। एलजी इस मामले में उनका पूरा सहयोग कर रहे हैं।

दरअसल 2021 में केंद्र सरकार ने कानून बनाकर दिल्ली सरकार के हर काम की फाइल एलजी के पास जाने की व्यवस्था कर दीथी। यह आरोप मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी लगाया है। उन्होंने जहां विधानसभा में एलजी के बारे में कह दिया है कि ये एलजी कौन हैं जो उनके सिर पर बैठा दिया है। वहीं उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि 2018  में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने दिल्ली के काम चुनी हुई सरकार को करने का अधिकार दे दिया था। उस आदेश के अनुसार एलजी को दिल्ली सरकार के काम में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं था। उनका कहना था कि 2021 में केंद्र सरकार ने कानून बनाकर एलजी को उनके काम में हस्तक्षेप करने के लिए बैठा दिया है।

उन्होंने मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी जाने की बात कही है। पंजाब के 36  शिक्षकों को सिंगापुर ट्रेनिंग लेने का हवाला देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि एलजी को दिल्ली के शिक्षकों को भी फिनलैंड भेजने की फाइल को पास कर देना चाहिए। उन्होंने कहा था कि जब जब सुप्रीम कोर्ट से कोई फैसला नहीं आ आता है तब तक एलजी इन शिक्षकों को ट्रेनिंग लेने के लिए फिनलैंड  जाने की अनुमति दें।दरअसल एलजी और दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर जब तक सुप्रीम कोर्ट से आदेश नहीं आएगा तब तक मेयर चुनाव की उम्मीद रखना अकलमंदी नहीं लग रही है। दरअसल सोमवार को तीसरी बार भी दिल्ली मेयर का चुनाव नहीं हो सकता है। एल्डरमैन को चुनाव में वोट देने की अनुमति दिये जाने को लेकर आम आदमी पार्टी ने विरोध किया।सदन में इसी बात को लेकर हंगामा हो गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है। इस मामले में जहां आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को फायदा देने के लिए नियमों में बदलाव करने और गैर कानूनी काम करने का आरोप लगाया है वहीं बीजेपी पर मेयर चुनाव में गैर कानूनी काम करने का आरोप भी लगायाहै।

दरअसल सोमवार को मेयर चुनाव होना था और एलजी वीके सक्सेना द्वारा नामित 10 पार्षदों को मेयर चुनाव में वोट देने का अधिकार दिया गया तो सदन में हंगामा शुरू हो गया।आप ने एल्डरमैन को वोट देने के अधिकार का विरोध किया। इसके बाद सदन की बैठक स्थगित कर दी गई। आम आदमी पार्टी का कहना है कि ये एल्डरमैन दिल्ली में केंद्र के प्रतिनिधि हैं।एलजी द्वारा मनोनीत एल्डरमैन के लिए मतदान के अधिकार का पुरजोर विरोध किया है। अरविंद केजरीवाल की पार्टी का आरोप है कि इन सदस्यों का झुकाव बीजेपी के समर्थन देना का है। दिल्ली नगर निगम अधिनियम कहता है कि मनोनीत सदस्य एल्डरमैन सदन की बैठकों में मतदान नहीं कर सकते हैं। आपने कहा है कि १० दिन के भीतर मेयर के चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। आम आदमी पार्टी ने पहले उपराज्यपाल द्वारा सरकार से परामर्श किए बिना 10 एल्डरमैन का नामकरण करने पर आपत्ति जताई थी। इसने उप राज्यपाल द्वारा परामर्श किये बिना 10  एल्डरमैन का नामकरण करने पर आपत्ति जताई थी। इसने उपराज्यपाल द्वारा पीठासीन अधिकारी के रूप में सत्या शर्मा की नियुक्ति का भी विरोध किया था। इस पद के लिए सबसे वरिष्ठ पार्षद मुकेश गोयल की सिफारिश की थी।उधर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के आरोपों का खंडन किया है। भाजपा ने कहा है कि पीठासीन अधिकारी ने फैसला किया है कि एल्डरमैन मतदान कर सकते हैं। बीजेपी ने मेयर चुनाव को लेकर कहा कि आप चुनाव में धांधली करने की कोशिश कर रही है।

तीसरी बार मेयर चुनाव न हो पाने के बाद अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। जहां आप ने समयबद्ध मेयर चुनाव की मांग की और आदेश दिया कि एल्डरमैन को मतदान करने की अनुमति नहीं दी जाए।   दरअसल अब तक मेयर चुनाव के लिए तीन बार बैठक हुई लेकिन बिना चुनाव कराए सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई। पहले ६ जनवरी फिर 24  जनवरी और फरवरी को बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बिना मेयर का चुनाव कराए ही देखने की बात यह भी है कि गत साल दिसंबर में हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 250  वार्डों में से 134  सीट हासिल की थी वहीं बीजेपी को एमसीडी चुनाव में 104 वार्डों में जीत हासिल हुई। लगातार 15  साल से एमसीडी की सत्ता में काबिज बीजेपी इस बार सत्ता से बाहर हो गई। 

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