दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉक्टर प्रदीप भारद्वाज ने बताया-केंद्र सरकार ने की है पहल, सर्च, मेडिकल रेस्क्यू व अवलाँच मैनेजमेंट सीख रहे हैं सिक्स सिग्मा के डॉक्टर, 6 महीने माउंटेन में ट्रेनिंग, 6 महीने माउंटेन में मेडिकल सर्विस, गुलमर्ग की बर्फीली वादियों में सफ़ेद चादर से सजी हुई धरा पर, माइनस 8 तापमान, 10 फ़ीट बर्फ़ पर सिक्स सिग्मा की टीम ले रही है प्रशिक्षण
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
दुनिया की सबसे ऊंचीं बर्फीली चोटियों पर स्थित गुलमर्ग की बर्फ़ीली वादियां सिक्स सिग्मा की कड़ी ट्रेनिंग का गवाह बन रही है। सिक्स सिग्मा विषम परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्य पर अडिग है। आज की तारीख में सिक्स सिग्मा के माउंटेन वॉरीअर देश की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए कश्मीर के गुलमर्ग में माइनस 8 तापमान में 10 फ़ीट बर्फ़ पर जिंदगी बचाने का प्रक्षिशण ले रहे हैं। यह ट्रेनिंग केंद्र सरकार के भारतीय स्कीइंग और पर्वतारोहण संस्थान गुलमर्ग में चल रही है। दरअसल इस संस्थान में स्कीइंग सीखने वालों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए भी तैयार किया जाता है।
भारतीय स्कीइंग और पर्वतारोहण संस्थान गुलमर्ग से जुड़े हुए कर्नल जे.एस.ढिल्लो का कहना है कि जब कभी भी पहाड़ो पर तबाही का मंजर होता है। कुदरत काल बन कर कहर बरसा रही होती है तब सिक्स सिग्मा के जांबाज हर मुश्किल में खुद को साबित करते रहते हैं ! उन्होंने कहा है कि मौत के मुंह में जाकर लोगों की जान बचाने का नैतिक साहस सिक्स सिग्मा के वीरों में ही है। उन्होंने बताया कि सिक्स सिग्मा की दिलेरी ने मौत को मात देकर लाखों लोगों को जिंदगी बचाई है।
बर्फ़ीली वादियों में सफ़ेद चादर से सजी हुई धरा पर सिक्स सिग्मा के जांबाजों की सर्वाइवल व स्कीइंग ट्रेनिंग जारी है। इसमें दो राय नहीं है कि अदम्य साहस, पराक्रम और देश सेवा के प्रतीक माने जानी वाली सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर अपनी आगामी हाई अल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस को अधिक बनाने पर विशेष ध्यान दे रही है ।
दरअसल हिमालय के दुर्गम क्षेत्रों में मेडिकल सेवा देने के लिए प्रख्यात सिक्स सिग्मा हाई ऑल्टिट्यूड मेडिकल सर्विस के वॉलंटियर्स के लिए नव वर्ष में हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग में सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करने के मौका मिलने वाला है। इस ट्रेनिंग सत्र में सिक्स सिग्मा माउंटेन वॉरियर्स को कठिन परिस्थितियों बैटल फील्ड व एवलांच रेस्क्यू में बेहद कठिन प्रशिक्षण दिया जाएगा ! यह ही जमीनी हकीकत है कि हिमस्खलन में रेस्क्यू करने वाली टीम बेहद खास होती है। एक ट्रेनिंग पर लाखों रुपए खर्च होते हैं। देखने की बात यह है कि जहां जिंदा रहने के कम साधन हैं। विषम परिस्थितियों में मुकाबला करने के लिए एक ट्रेनीज़ को विशेष ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। इसे सर्वाइवल ट्रेनिंग कहा जाता है। इस दौरान हड्डियां गला देने वाली ठंड में अपने बचाव का तरीका भी बताया जाता है।
सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉक्टर प्रदीप भारद्वाज ने प्रशिक्षण दिलवाने का मुख्य उद्देश्य टीम में क्षमता का विकास कराना बताया है। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण से वे लोग पर्वतीय क्षेत्रों की कठिन परिस्थितियों और वातावरण में होने वाले परिवर्तन से अवगत होकर सुचारू रूप से मेडिकल सेवाओं को दे पाते हैं। उन्होंने बताया कि गुलमर्ग में यह ट्रेनिंग 15 दिनों तक चलेगी व उसके पश्चात सभी प्रशिक्षुओं को सर्टीफिकेट प्रदान किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इस ट्रेनिंग कोर्स में वॉलंटियर्स को सर्वाइवल और अवलांच ट्रेनिंग का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। उनका कहना है कि इस ट्रेनिंग में एक ट्रेनी को इग्लो (बर्फ से बना घर) में रहना पड़ता हैं। जहां उसका खाना-पीना सब बर्फ में ही बनता है और इसी में रहना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रशिक्षु को बर्फ से ढकी ऊंची पर्वत चोटियों पर स्कीइंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं, हिमस्खलन के दौरान लोगों को त्वरित सहायता पहुंचाने के लिए रेस्क्यू के विभिन्न आयामों के साथ साथ लोगों को बचाने और उनके लिए अस्थाई शेल्टर के निर्माण और उन्हें दी जाने वाली मेडिकल सहायता के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। ट्रेनिंग के बारे में उन्होंने बताया कि यहां हिम्मत बताई नहीं, दिखाई जाती है।
उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग में प्रशिक्षुओं को स्कीइंग, स्नो शूज, शॉवेल, व्हाइट स्पेशल ड्रेस, ऑक्सीजन सिलेंडर, एडीवी ( एवलांच विक्टिम डिटेक्टर), वॉकी टॉकी, एवलांच सर्वाइवल बॉल जैसे उपकरणों का उपयोग करना सिखाया जाएगा। डॉ. भारद्वाज का कहना है कि यह ट्रेनिंग एक प्रशिक्षु को माइनस 60 डिग्री तापमान और 35 फीट बर्फ में रहने के लिए सक्षम बना देती है। मतलब सिक्स सिग्मा की कार्यर्शली, किसी भी समय, कहीं भी, किसी भी वातावरण में और कितनी भी ऊंचाई पर सफल रहेगी। दरअसल पहले भी भारतीय सेना के अर्द्ध सैनिक बल सिक्स सिग्मा हाई ऑल्टिट्यूड मेडिकल सर्विस टीम को माउंटेन रेस्क्यू का प्रशिक्षण दे चुका है।
सिक्स सिग्मा के सीनियर अधिकारी डॉ. आशीष शर्मा ने बताया कि संघर्ष की जिंदगी का अलग ही मजा है। उन्होंने कहा कि जब सीने में आग लगी होती है तो बड़े से बड़े तूफ़ान थम जाते हैं सिक्स सिग्मा का तो काम ही है ख़तरों से खेलना है।
ट्रेनिंग कमांडो डॉ. भारत शर्मा का कहना है कि देश में “सिक्स सिग्मा के सिविलीयन डॉक्टरों को इजरायल की मिलिट्री- ट्रेनिंग देने की अनूठी पहल की गई थी ! सिक्स सिग्मा हाई ऑल्टिट्यूड मेडिकल सर्विस देश की एकमात्र ऐसी संस्था है, जो सरकार और किसी भी व्यक्ति विशेष से कोई आर्थिक सहायता नहीं लेती है।
डॉ. मेडिकल डायरेक्टर अनीता भारद्वाज ने कहा कि संस्था द्वारा संचालित मेडिकल सर्विस से अब तक विभिन्न पहाड़ी मेडिकल कैम्पों में 2 68,370 पीड़ितों का इलाज किया जा चुका है। संस्थान की हाई ऑल्टीट्यूड सर्विस टीम ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान सिक्किम के डोल्मा पास में 19,500 फीट की ऊंचाई पर चिकित्सा शिविर लगाया था, जिसमें संस्थान की टीम ने 750 से अधिक पीड़ितों को चिकित्सा सहायता दी थी। इसके अलावा 2015 में नेपाल में आए भीषण विनाशकारी भूकंप में गोरखा जिले में सिक्स सिग्मा हाई ऑल्टीट्यूड मेडिकल सर्विस टीम ने सबसे पहले पहुंचकर आपदा से पीड़ित 1700 से अधिक लोगों की सहायता की थी। इसके अलावा 2014 में श्री अमरनाथ यात्रा के दौरान 11,290 श्रद्धालुओं को चिकित्सा सेवा देकर उनको नवजीवन प्रदान किया था। सिक्स सिग्मा लगातार 2013 से केदारनाथ व अमरनाथ में मेडिकल सेवा प्रदान करता है और इस वर्ष हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस की सेवा भी आरम्भ करेगा।