मंदिरों में मंगलवार को हनुमान चालीसा के साथ ही बांटे जा रहे लाठियां, तलवारें और फरसे
कमला नगर क्षेत्र में फिर हुआ अखंड भारत के संकल्प के साथ सामूहिक तलवार वितरण समारोह
हाथों तलवार और कंधे पर अखंड भारत का पटका थाम रहे शूरवीर सदस्यता अभियान में शामिल हो रहे हैं लोग
हिन्दू राष्ट्र के संकल्प के साथ सामूहिक शस्त्र धारण कार्यक्रम भी किये जा रहे हैं आयोजित
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
देशभर में सनातन धर्म के प्रचार के लिए बड़ा अभियान चल रहा है। देश की राजधानी इस मामले के एक कदम आगे निकल गई है। दिल्ली में विभिन्न मंदिरों में कार्यक्रम कर सनातन धर्म की रक्षा के नाम पर लाठियां और तलवारें बांटी जा रही हैं। इन कार्यक्रम में आरएसएस के पदाधिकारी भी शामिल हो रहे हैं।
![](https://delhidarpantv.com/wp-content/uploads/2023/03/WhatsApp-Image-2023-03-16-at-7.10.30-PM-1024x768.jpeg)
मतलब आरएएस की संस्कृति अब मंदिरों तक पहुंच गई है। दिल्ली में कमला नगर क्षेत्र में मंगलवार को फिर से अखंड भारत के संकल्प के साथ ही सामूहिक तलवार वितरण समारोह पूर्वक सम्पन्न हुआ। गीता भवन में आयोजित इस शूरवीर सदस्यता अभियान समारोह में इलाके की कई संस्थाओं के साथ-साथ आरएसएस से जुड़े लोग भी शामिल थे। मतलब अखंड भारत और हिन्दू राष्ट्र के संकल्प के साथ ही सामूहिक शस्त्र धारण कार्यक्रम भी आयोजित किये जा रहे हैं।
![](https://delhidarpantv.com/wp-content/uploads/2023/03/WhatsApp-Image-2023-03-16-at-7.10.54-PM-1-1024x768.jpeg)
दिल्ली के मंदिरों में कई महीने से हर मंगलवार हनुमान चालीसा हो रही है। हर मंगलवार को भक्त भी बड़ी तादाद में मंदिरों में पहुंच रहे हैं। कमला नगर में हनुमान चालीसा के बाद एक ख़ास अभियान और चल रहा है। इस अभियान में लाठियां और तलवारें बांटी जा रही हैं। दरअसल कमला नगर में कई महीनों से हिन्दू राष्ट्र और अखंड भारत के संकल्प के साथ शूरवीर सदस्यता अभियान चल रहा है। हाथों तलवार और कंधे पर अखंड भारत का पटका थाम रहे ये लोग शूरवीर सदस्यता अभियान में शामिल हो रहे हैं। इस अभियान में हर वर्ग और हर उम्र के लोग शामिल हैं। बच्चे और महिलाएं भी बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं।
![](https://delhidarpantv.com/wp-content/uploads/2023/03/WhatsApp-Image-2023-03-16-at-7.10.54-PM-2-1024x768.jpeg)
सनातन धर्म की रक्षा को लेकर लोगों में गज़ब की जागरूकता आयी है। आरएसएस के विभाग संघचालक डॉ. सतीश मखीजा ने कहा है कि अब शस्त्र भी थामने होंगे। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के लिए हम लोगों को अब पूरी तरह से तैयार रहना है। कमला नगर में मां भवानी की तलवार थाम ये उसी के लिए तैयार हो रहे हैं।
![](https://delhidarpantv.com/wp-content/uploads/2023/03/WhatsApp-Image-2023-03-16-at-7.10.55-PM-2-1024x768.jpeg)
दरअसल कमला नगर में हर मंगलवार हनुमान चालीसा के साथ साथ समय समय पर यह शूरवीर सदस्यता अभियान भी चलता है। कमला नगर के गीता भवन में यह 39 वां हनुमान चालीसा का आयोजन था। इस आयोजन में क्षेत्र के लोग कितनी बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। इस शूरवीर सदस्यता अभियान में क्षेत्र के गणमान्य लोग खुद अपने हाथों से तलवार भेंट कर एक दूसरे के गले में अखंड भारत का पटका पहनकर शूरवीर सदस्य बनाते हैं। इसमें क्षेत्र की धार्मिक सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ आरएसएस से जुड़े लोग भी शामिल होते हैं। इनका मानना है की शास्त्र एक शक्ति का प्रतीक है। शास्त्रों में शस्त्र पूजा का महत्त्व है। यह तभी हो सकता है जब घर में शास्त्र भी हो।
![](https://delhidarpantv.com/wp-content/uploads/2023/03/WhatsApp-Image-2023-03-16-at-7.10.55-PM-1024x768.jpeg)
दिल्ली का कमला नगर क्षेत्र ही ऐसा पहला इलाका नहीं है, जहां सनातन धर्म की रक्षा के लिए लोग लामबंद हो रहे हैं। अशोक विहार के सबसे बड़े मंदिरों में शुमार श्रीराम मंदिर की है। यहाँ भी पिछले कई महीनों से हर मंगलवार हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से हो रहा है। इस मंदिर में भी धर्म और खुद की रक्षा के लिए लाठियों का वितरण किया जाता रहा है। यहां के लोग अपने क्षेत्र अशोक विहार को धर्म नगरी कहते हैं। ये भी मानते हैं अपनी रक्षा के साथ अपनी संस्कृति से जुड़ना और लोगों को जोड़ना इस अभियान का मकसद हैं।
![](https://delhidarpantv.com/wp-content/uploads/2023/03/WhatsApp-Image-2023-03-16-at-7.10.53-PM-1-1024x768.jpeg)
ऐसे में प्रश्न उठता है कि यह सब क्यों हो रहा है ? क्या कोई डर है या फिर सनातन धर्म को लेकर कोई जन जागरण अभियान। तो जनाब इन्हें न कोई डर है और ना कोई शंका। इनका कहना है कि हमारे शास्त्रों में शस्त्र पूजा का बड़ा महत्त्व है ,लेकिन यदि घर में शस्त्र ही नहीं होंगे तो कैसे पूजा होगी। हमारे सभी देवी-देवताओं के हाथों में शस्त्र है। लेकिन चलते तभी हैं। जब जरूरत होती है। कानूनी रूप से इन्हें हथियार नहीं कह सकते लेकिन ये सांकेतिक शस्त्र अवश्य है। इसी सांकेतिक शस्त्र को धारण करने वाले इन शूरवीरों का एक सपना है। अखंड भारत और यह सपना कब और कौन से पीढ़ी पूरा होते हुए देखेगी यह अलग मंथन और विचार का विषय है।