दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक आपरेशंस (आईएफएसओ) ने केंद्रीय मंत्री बनकर ठगी को अंजाम देने वाले गिरोह के तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना संजय तिवारी है। इस पर पूर्व में भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक आपरेशंस (आईएफएसओ) ने केंद्रीय मंत्री बनकर ठगी को अंजाम देने वाले गिरोह के तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना संजय तिवारी है, वह उत्तर प्रदेश के फैजाबाद का रहने वाला है। इस पर पूर्व में भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
इसके अवाला पुलिस ने प्रिंस पोद्दार और सुनील नाम के दो अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार किया है। आरोपित खुद को केंद्रीय मंत्री बताकर पूर्वोत्तर राज्य में संवैधानिक पद पर बैठे शख्स और एक मुख्यमंत्री को फोन करके उन्हें धमकाने और गलत तरीके से किसी शख्स को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे।
फिलहाल पुलिस इस मामले में आरोपितों से पूछताछ कर रही है। मामला केंद्रीय मंत्री व संवैधानिक पर बैठे व्यक्ति से जुड़ा है, ऐसे में पुलिस नामों को गोपनीय रख रही है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि स्पेशल सेल को कुछ समय पहले इनपुट मिला था कि एक जालसाज ने देश के बड़े नेता की फोटो को अपने वाट्सएप की डीपी में लगाकर पूर्वोत्तर के एक राज्य में संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को फोन किया है। आरोपित ने वहां के मुख्यमंत्री को भी फोन किया था। इस मामले में गत सप्ताह एफआइआर दर्ज की गई।
इसके बाद स्पेशल सेल ने पहले प्रिंस पोद्दार को गिरफ्तार किया। इससे पूछताछ के बाद सुनील और संजय तिवारी को गिरफ्तार किया गया। संजय तिवारी ने अपने मोबाइल में बड़े राजनेताओं की फोटो लगाकर फोन किया था। सुनील ने संजय को फर्जी नाम व पते से लिया गया सिमकार्ड उपलब्ध कराया था।
प्रिंस ने भी कई बार केंद्रीय मंत्री का पीए बनकर लोगों को फोन किया था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपितों ने दिल्ली के एक बिल्डर से भी ठगी की है। संजय के खिलाफ पूर्व में इसी तरह के 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
सोनिया गांधी व राम माधव का पीए बनकर कर चुका है ठगी
संजय तिवारी कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी व भाजपा महासचिव रहे राम माधव का पीए बनकर भी ठगी कर चुका है। दिल्ली पुलिस ने आरोपित कोवर्ष 2017 में साथी गौरव शर्मा के साथ गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला था कि वह बड़े नेताओं, नौकरशाहों, मंत्रियों से ठगी करता था। ये ठगी की रकम खुद लेने नहीं जाता था, बल्कि कुछ युवकों को भेजता था।