Friday, November 22, 2024
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तो क्या राम के अवतार हैं पीएम मोदी ? बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु ने रामायण काल से की मोदी काल की तुलना

-तो क्या राम के अवतार हैं पीएम मोदी ?

-बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु ने रामायण काल से की मोदी काल की तुलना 

-राम के साथ निषाद, सबरी और सुग्रीम के नामों की चर्चा करते हुए राम मंदिर निर्माण के समय में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के -नाम की चर्चा करते हुए मोदी से जोड़ा नाम, कहा -पूरी दुनिया का प्रेरणाश्रोत बना सनातन धर्म 

-मोदी राज को बताया सनातन धर्म का अमृत काल 

-राजेंद्र स्वामी , दिल्ली दर्पण टीवी 
रोहिणी। भारतीय जनता पार्टी मोदी राज की तुलना राम राज्य से तो समय समय पर करती ही रहती है पर बीजेपी के सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए इशारों ही इशारों में पीएम मोदी को राम का अवतार बताते हुए उनके कार्यकाल की तुलना रामायण काल से कर दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भगवान राम ने निषाद को अपना मित्र बनाया, सुग्रीव से मित्रता कर उनको उनका राज्य वापस दिलाया और शबरी के झूठे बेर खाये ऐसे ही मोदी दबे कुचलों को गले लगाते हुए देश का विकास कर रहे है।

 उन्होंने कहा कि यह संयोग नहीं हो सकता है कि जब राम मंदिर निर्माण का फैसला आया तो देश के राष्ट्रपति दलित रामनाथ कोविंद थे तो अब जब राम मंदिर का निर्माण हो रहा है तो राष्ट्रपति एक आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू हैं। यह बात उन्होंने देश की राजधानी दिल्ली के रोहिणी में भारत एक सनातन यात्रा विषय पर आयोजित ‘पन्नालाल व्याख्यान माला’ में कही। यह कार्यक्रम एक सामाजिक संस्था चेतना ने आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में  बीजेपी सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पधारे थे। 


उन्होंने कहा कि यह सनातन धर्म ही है कि हिन्दू नववर्ष की शुरुआत ही नवरात्र से होती है। भारत में नारी के सम्मान की बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे देश के अलावा जितने भी देश हैं, उनमें उनके भगवान को पुरुष के रूप में माना गया है पर हमारे देश में नारी शक्ति की पूजा होती है।  


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने इशारों ही इशारों में मोदी  काल को सनातन का अमृत काल बता दिया। योग दिवस की चर्चा उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि योग दिवस पर 130 देश हमारे अनुसरण करते हैं। भारत को विकसित देश बनाने की ओर प्रयास करने की बात करते हुए उन्होंने कहा हिन्दू जाग रहा है। भारतीय संस्कृति ही है कि जो पूरी दुनिया को जोड़ सकती है। हमें भाईचारे के साथ आगे बढ़ना है। उन्होंने कुम्भ मेले का हवाला देते हुए कहा कि यह हिन्दू धर्म में ही हो सकता है कि कुम्भ मेले में लाखों विदेशी भी आते हैं।   
उन्होंने जीरो और दशमलव की चर्चा करते हुए कहा कि दुनिया में लोग तभी गणना कर पाए जब हमने जीरो और दशमलव दिया। उन्होंने सनातन धर्म को एक अरब 96 हजार करोड़ पुराना धर्म बताया। उनका कहना था कि सनातन में ही सारी दुनिया का सार  है। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि आज who जैसी संस्थाओं का केंद्र भारत बन रहा है। भारत पुरानी सभ्यताओं वाला युवा देश है। भारत आज विश्व गुरु की ओर अग्रसर है। भारत का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। 


दरअसल यह कार्यक्रम चेतना के सातवें अधिवेशन के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्प्रिचुअल हीलर और लाइफ कोच बाबा व्यास ने की। विषय परिवर्तन के लिए आश्रय ऑर्गेनिक्स के संस्थापक डॉ योगेश आत्रेय ने अपनी बात रखी। मंच का संचालन चेतना के अध्यक्ष राजेश चेतन ने किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम से लोगों में स्फूर्ति और नई  ऊर्जा का संचालन होता है।


कार्यक्रम को कई नामी गिरामी हस्तियों ने संबोधित किया। कार्यक्रम में आगत अतिथियों को पुष्प गुच्छ, शाल और हनुमान जी की मूर्ति भेंट कर सम्मानित किया गया। स्वागताध्यक्ष अनिल सिंघल ने अतिथियों का स्वागत किया, जिसके बाद मंचासीन  अतिथियों ने डॉ. सुनीता आत्रे की लिखित पुस्तक जिल तो हिल और हिंदूवादी चिंतक राकेश सिन्हा की पुस्तक का विमोचन किया। कवि योगेंद्र शर्मा ने अपनी देश भक्ति कविता बलिदानी भारत से सबका मन मोह लिया। जिसपर श्रोताओं ने खूब तालियां बजाई कविता के मंचन के बाद सुधांशु त्रिवेदी ने कवि योगेंद्र को मंच पर सम्मानित किया। पुस्तक के विमोचन के बाद विषय परिवर्तन के लिए आत्रेय ऑर्गेनिक्स के संस्थापक डॉ. योगेश आत्रेय ने मंच संभाला और संगोष्ठी के विषय भारत एक सनातन यात्रा पर प्रकाश डाला।  उन्होंने डॉ. सुधांशु त्रिवेदी की तुलना स्वामी विवेकानंद से  करते हुए कार्यक्रम में आने के लिए आभार  जताया।  कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ किया गया।  दरअसल चेतना के द्वारा प्रत्येक वर्ष ऐसे कार्यक्रम का आयोजन होता रहता है, जिसमे प्रसिद्ध  वक्ता अपनी बातों को रखते हैं। आज के इस कार्यक्रम में लोगों ने अपनी सहभागिता से ख़ास बना दिया।


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