-तनाव नहीं….वज़ीर पुर में भाईचारे और सद्भाव वाली शोभायात्रा
-राजधानी दिल्ली में एक ऐसी शोभा यात्रा जहाँ मुस्लिम समुदाय ने किया यात्रा का स्वागत, बरसाए फूल
-दिल्ली की वज़ीर पुर जेजे कॉलोनी में मिसाल देने वाली तस्वीरें
-यहाँ शोभा यात्रा पर नहीं लगी बैरिकेडिंग, ना अर्धसैनिक बलों की तैनाती
-राजेंद्र स्वामी , दिल्ली दर्पण ब्यूरो
दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में रामनवमी व हनुमान जन्मोत्सव पर हिंसा व तनाव वाली शोभायात्रा तो आपने देखी होगी, लेकिन दिल्ली के वज़ीर पुर जे.जे. कॉलोनी में हनुमान जन्मोत्सव पर एक ऐसी शोभायात्रा निकाली गयी जो आपसी भाईचारे और सद्भावना की एक मिसाल बन गयी। स्थानीय गौरीशंकर मंदिर से हिंदूवादी संगठनों द्वारा आयोजित इस शोभायात्रा में मुस्लिम समाज के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल ही नहीं हुए, बल्कि शोभयात्रा का स्वागत भी मंच लगाकर पुरे मन से किया। क्षेत्र के सबसे बड़ी जामा मस्जिद की इंतजामिया कमेटी के प्रमुख पदाधिकारी और हर पार्टी से जुड़े मुस्लिम नेता मस्जिद से चंद कदम की दूरी पर बड़ी संख्या में मुस्लिम भाई रमजान के मौके पर चिलचिलाती धुप में भी अपने हिन्दू भाईयों के लिए शरबत-पानी पर प्रसाद लेकर तैयार खड़े थे। जैसे ही शोभायात्रा मंच तक पहुंची मुस्लिम समाज के लोगों ने फूल बरसाकर सबका स्वागत किया। मौजूदा समय में वज़ीर पुर का यह नजारा सचमुच दिल को छू लें वाला था।
वज़ीर पुर जेजे कॉलोनी की जामा मस्जिद के तमाम पदाधिकारी जय श्रीराम -जय हनुमान के साथ साथ देशभक्ति के नारे भी लगा रहे थे। नार्थ वेस्ट जिला पुलिस के डीसीपी जितेंद्र मीणा ,एसीपी गरिमा तिवारी , थाना अध्यक्ष प्रेम सिंह सहित बड़ी संख्या में तैनात पुलिस बल शोभायात्रा के साथ साथ चलते हुए स्थिति पर नजर रखते हुए शोभायत्रा के रुट क्लियर कर रहा था ,ऐसा लग रहा था मानों पुलिस की तरफ से शोभायात्रा निकलने की फुल परमिशन आयोजकों को दी गयी थी। वहीँ मुस्लिम और हिन्दू समुदाय दोनों मिलकर व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी खुद ही निभा रहे थे। जिस ब्लॉक से जे -3 से यह यात्रा शुरू हुयी वहां मंदिर-मस्जिद, गुरूद्वारे के अलावा बौद्ध मंदिर और अन्य समाज के भी छोटे बड़े मंदिर है। इस शोभायात्रा में सभी समुदाय और समाज के लोग शामिल हुए। आपसी सौहार्द और मेलजोल की जो मिसाल यहाँ देखने को मिली वह सचमुच एक सुखद अहसास दे रहा था।
दरअसल यह यात्रा बजरंग दल के जिला अध्यक्ष स्वामी नाथ द्वारा आयोजित इस शोभायात्रा में आपसी भाईचारे को जो माहौल बना उसे बनाने में हिन्दू सिंह वाहिनी सेना के चेयरमैन बबलेश पंडित ने मुख्य भूमिका निभाई। शोभायात्रा की तैयारियों की जब चर्चा हुई तो एक ख्याल आया कि इसमें मुस्लिम भाइयों को भी विश्वास में लिया जाये। बबलेश पंडित की इस पहल पर जामा मस्जिद के प्रमुख पदाधिकारियों और शोभायात्रा के आयोजक बजरंग दल के प्रमुख लोगों के साथ यहाँ के प्रमुख मंदिर गौरी शंकर मंदिर में एक मीटिंग हुयी। इस मीटिंग में मस्जिद और मुस्लिम समाज के प्रमुख लोग शहाबुद्दीन , बदरूदीन खान , डॉ असद खान , अब्दुल सतार , हिन्दू सिंह वाहिनी सेना ,यात्रा के संयोजक बजरंग दल जिला अध्यक्ष स्वामी नाथ, मंदिर के महंत आचार्य महेंद्र चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार दिल्ली दर्पण टीवी के निदेशक राजेंद्र स्वामी शामिल हुए। जामा मस्जिद कमेटी ने बड़ा दिल रखते हुए यह ऐलान किया की मुस्लिम समाज और मस्जिद कमेटी इस शोभायात्रा का स्वागत करेगी और जलपान का भी प्रबंध करेगी।
इस मीटिंग के बाद इसकी सूचना थाना अध्यक्ष को दी गयी। थाना अध्यक्ष प्रेम सिंह ने सभी लोगों से खुद थाना परिसर में मीटिंग की और पूरा ब्योरा लेकर अपने आलाधिकारियों को साड़ी स्थिति से अवगत कराया। और उसके बाद बेहद उत्साह और सौहार्द के माहौल में यह यात्रा जेजे कॉलोनी के प्रमुख मार्गों से होती हुयी एक स्थान पर सम्पन्न हुयी और भंडारे का आयोजन किया गया।
नार्थ वेस्ट जिले के वज़ीर पुर जे जे कॉलोनी बेशक आपराधिक लिहाज़ से संवेदनशील इलाका माना जाता हो ,लेकिन आज तक के इतिहास में कभी भी यहाँ साम्प्रदायिक हिंसा नहीं हुयी। दिल्ली में कई बार साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति भी बनी लेकिन उस वक्त भी जेजे कॉलोनी में कभी हिन्दू मुस्लिम के बीच हिंसा और तनाव देखने को नहीं मिला। जेजे कॉलोनी में हर समाज ,हर प्रांत और समुदाय और वर्ग के लोग बड़ी संख्या में रहते है। यहाँ बदमाशों के बीच गैंगवार जैसे झगडे तो होते है लेकिन हिन्दू मुस्लिम झगडे कभी नहीं हुए। यहाँ के लोग कॉलोनी को अनेकता में एकता मिसाल वाला मिनी भारत कहते है। हनुमान जन्मोत्सव पर जो नजारा इस शोभायात्रा में दिखा उसने इस बात को और पुख्ता पर प्रमाणित कर दिया।