Friday, November 8, 2024
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Delhi Liquor Policy : चार्जशीट में सिसोदिया पर CBI ने कौन से आरोप लगाए? कोर्ट में दूसरी बार दायर हुआ आरोप-पत्र

चार्जशीट में सिसोदिया पर CBI ने कौन से आरोप लगाए? कोर्ट में दूसरी बार दायर हुआ आरोप-पत्र, दिल्ली आबकारी नीति (Delhi Excise Policy 2021-22) घोटाला मामले में सीबीआई ने मंगलवार को राउज एवेन्य कोर्ट में पूरक चार्जशीट दायर की। शराब नीति घोटाला मामले में पहली बार दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम शामिल किया है।

नई दिल्ली । दिल्ली आबकारी नीति (Delhi Excise Policy 2021-22) घोटाला मामले में सीबीआई ने मंगलवार को राउज एवेन्य कोर्ट में पूरक चार्जशीट दायर की। शराब नीति घोटाला मामले में पहली बार दिल्ली के पूर्व उप मुख्यममंत्री मनीष सिसोदिया का नाम शामिल किया है। इससे पहले भी एक चार्जशीट (आरोप-पत्र) दायर की थी, जिसमें उनका नाम हीं था। इस बार चार्जशीट में सिसोदिया के अलावा तीन अन्य नाम भी हैं।


सिसोदिया पर सीबीआई ने लगाए ये आरोप

जांच एजेंसी ने पूरक आरोप पत्र में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की अन्य धाराओं के तहत सिसोदिया व अन्य को आरोपित बनाया है। आरोप-पत्र में शराब कारोबारी अमनदीप सिंह ढल, अर्जुन पांडे व हैदराबाद के सीए बुच्ची बाबू गोरंटला का भी नाम शामिल हैं।

विशेष न्यायाधीश ने आरोप-पत्र पर विचार करने को लेकर जिरह के लिए 12 मई की तारीख तय की है।


सीबीआई ने इससे पहले नवंबर-2022 में आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें सिसोदिया का नाम शामिल नहीं किया था। उस आरोप पत्र में आप नेता व पार्टी को कम्युनिकेशन इंचार्ज विजय नायर, शराब कारोबारी समीर महेंद्रू और अभिषेक बोइनपल्ली समेत सात लोगों को आरोपित बनाया गया था।

सीबीआई ने 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और अब 58 दिन में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। इससे अब आरोप पत्र में देरी को आधार बनाकर जमानत के लिए अर्जी लगाने का रास्ता भी बंद हो गया है।


यह है मामला

सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई थी और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ दिया गया था। इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था। इस नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

22 जुलाई 2022 को एलजी वीके सक्सेना ने नई आबकारी नीति (2021-22) के क्रियान्वयन में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों का हवाला देकर सीबीआई जांच की सिफारिश की। इस पर सीबीआई ने प्राथमिकी की थी।

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