Kiren Rijiju News: किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार न्यायपालिका को मजबूत करने के लिए काम कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि हमें अपने कोर्ट्स में अपनी भाषा को बढ़ावा देना चाहिए.
Kiren Rijiju On Judiciary : केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक बार फिर न्यायपालिका की स्वतंत्रता को लेकर बड़ी बात कही है. रिजिजू ने मंगलवार (2 मई) को कहा कि मोदी सरकार ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर नहीं किया है. हर संस्थान को ‘लक्ष्मण रेखा’ या संविधान की ओर से निर्धारित सीमा का सम्मान करना चाहिए. किरेन रिजिजू मुंबई में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने इस बात का खंडन किया कि सरकार न्यायपालिका पर दबाव बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि ये गलतफहमी है कि सरकार न्यायपालिका पर किसी तरह का दबाव बनाने की कोशिश कर रही है. हम न केवल न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रख रहे हैं बल्कि इसे मजबूत करने के लिए भी काम कर रहे हैं. मंत्री ने कहा कि उदारवादी होने का दावा करने वाले कुछ लोग जनता के बीच यह गलतफहमी फैला रहे हैं, लेकिन ये बिल्कुल भी सच नहीं है.
किरेन रिजिजू ने और क्या कहा?
इस सवाल पर कि क्या सरकार न्यायपालिका के कामकाज में दखल दे रही है, रिजिजू ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि एक सवाल इसके उलट भी पूछा जा सकता है कि क्या न्यायपालिका सरकार के काम में दखल दे रही है. हमारा संविधान प्रत्येक संस्थान के लिए एक ‘लक्ष्मण रेखा’ का प्रावधान करता है और इस रेखा का सम्मान किया जाना चाहिए. इंडिपेंडेंस ऑफ ज्यूडिशियरी को आप आइसोलेशन में नहीं रख सकते, इंडिपेंडेंस ऑफ एक्जीक्यूटिव, इंडिपेंडेंस ऑफ लेजिस्लेचर क्योंकि संविधान में सबका दायरा तय किया हुआ है. समय के साथ सरकार को भी बदलना है और समय के साथ न्यायपालिका को भी बदलना है.
भारतीय भाषा को बढ़ावा देने पर दिया जोर
कानून मंत्री ने ये भी कहा कि हमें औपनिवेशिक युग को धीरे-धीरे खत्म करना है, जिसमें महत्वपूर्ण विषय है भाषा का. हमें अपने भारतीय कोर्ट में भारतीय भाषा का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए? हमें अपनी भारतीय भाषा को बढ़ावा देना चाहिए, जैसे की महाराष्ट्र कोर्ट्स में मराठी बोली जानी चाहिए. कोई भी भाषा सीखना गलत नहीं है, लेकिन हमें अपनी सोच हिंदुस्तानी रखनी चाहिए. हम राष्ट्रवादी लोग हैं और हमारा राष्ट्र तभी और मजबूत होगा जब हम सभी भारतीय होकर एक साथ सोचेंगे.
“सुप्रीम कोर्ट से इस बारे में सोचने को कहा”
उन्होंने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट में भी कहा है कि आप इस दिशा में सोचें. सरकार की इस पर साफ मंशा है, हमारे पास तकनीक है तो हम क्यों न अपनी क्षेत्रीय भाषा में इसका इस्तेमाल करें. कोर्ट को इस दिशा में सोचने की आवश्यकता है. किरेन रिजिजू ने कहा कि मुझे भगवान बुद्ध से ऊर्जा मिलती है और जब भी मैं निडर होकर कुछ करता हूं, तो वह ऊर्जा मुझे छत्रपति शिवाजी महाराज से मिलती है.
“लगभग पांच करोड़ मामले लंबित हैं”
मंत्री ने कहा कि अदालती मामलों की बढ़ती संख्या देश के लिए सबसे बड़ी चिंता है और समाधान टेक्नोलॉजी में है. हमारे देश में लगभग पांच करोड़ मामले लंबित हैं. इसका मतलब है कि न्याय में देरी हो रही है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ऑनलाइन सुनवाई और ई-फाइलिंग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के लिए बजट कोई मुद्दा नहीं है.