Saturday, November 23, 2024
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Delhi Ramlila : राम को खुद काल्पनिक बनाने में लगी बीजेपी!

पहले आदि पुरुष फिल्म में रामलीला के पात्रों का अपमान और अब लाल किले पर होने वाले रामलीला में संस्कृत की जगह अंग्रेजी में होंगे संवाद, राम के अपमान पर बीजेपी का चुप रहना मतलब इस तरह की प्रवृत्ति को बढ़ावा देना, ऐसे ही रामलीला का स्वरूप बिगाड़ा जाता रहा तो कार्टून से ज्यादा नहीं लेगी नई पीढ़ी  

चरण सिंह राजपूत 

रामलीला में राम वनवास, लक्ष्मण मूर्छा, भारत मिलाप मंचन में जो संवाद होते हैं वे बड़े मार्मिक होते हैं। ये सभी संस्मरण हिन्दू संस्कृति को बढ़ावा देने वाले होते हैं।  हाल में रिलीज हुई आदि पुरुष फिल्म में क्या हुआ ? फिल्म का नाम तो आदि पुरुष है पर दिखाई गई है रामलीला। वह आधुनिक रूप से। वह भी तुच्छ भाषा का इस्तेमाल करते हुए। जिस तरह के संवाद बोले गए उससे रामलीला का स्वरूप ही बिगड़ गया। दिलचस्प बात यह है कि राम के नाम पर सत्ता का मजा ले रही बीजेपी को राम के इस अपमान का कोई असर नहीं पड़ा। पड़ता भी कैसे ? बीजेपी वाले ही तो हैं इसको बनाने वाले और बढ़ावा देने वाले। उधर आदिपुरुष फिल्म का विवाद अभी थमा नहीं कि अब कि दिल्ली लालकिला मैदान में दशहरा के अवसर पर रामलीला करने वाली लवकुश लीला कमेटी संस्कृत की जगह अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल करने का ऐलान कर एक विवाद पैदा कर दिया है। बीजेपी इस पर भी चुप है। दरअसल ये लोग भी बीजेपी से जुड़े हुए हैं। 

जी हां इस बार लालकिला मैदान में होने वाली रामलीला में विभिन्न पात्रों द्वारा बोले जाने वाले संवाद में संस्कृत के बजाय अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल होगा। अंग्रेजी में संवाद के पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि इंडोनेशिया, कनाडा समेत कई देशों में इसका लाइव प्रसारण होगा। मतलब  लाल किले की रामलीला को दूसरे देश के लोग भी देख पाएंगे।

 ऐसे में प्रश्न उठता है कि अंग्रेजी में क्या संवाद बोले जायेंगे ? आदि पुरुष फिल्म के साथ ही लवकुश कमेटी से जुड़े लोग कौन हैं ? ये सभी लोग बीजेपी से जुड़े हैं। राम के सम्मान और आस्था की सबसे अधिक बात भी बीजेपी करती है। तो फिर बीजेपी आदि पुरुष फिल्म में राम के अपमान पर क्यों चुप रही ? और अब लव कुश कमेटी की रामलीला में अंग्रेजी संवाद पर क्यों चुप है ? क्या इस तरह की रामलीला दिखाने से नई पीढ़ी इसे भी कार्टून के रूप में नहीं देखने लगेगी ? क्या नई पीढ़ी की नजरों में राम एक काल्पनिक पात्र ही नहीं बनकर रह जाएंगे ? क्या विश्व गुरु बनने की ललक में रामलीला का स्वरूप ही बदलकर रख दिया जाएगा ? 

दरअसल राम और दूसरे पात्रों के प्रति भारतीयों के मन में जो सम्मान और आस्था है ये लोग उसे बर्बाद करने में लगे हैं। ये वही लोग हैं, जिन्होंने राम के नाम पर सत्ता हथियाई है। राम के सम्मान के नाम पर मारपीट पर उतारू होते रहे हैं। कत्लेआम करते रहे हैं। राम के नाम पर दूसरे लोगों से लड़ते रहे हैं। ये लोग राम को  भगवान के रूप में प्रस्तुत करने में लगे रहे हैं। जो लोग राम के प्रति इतने कट्टर रहे हैं वे राम का अपमान कैसे बर्दाश्त कर रहे हैं ? क्या आदि पुरुष में जिस तरह से संवाद बोले गए उससे बीजेपी वाले आहट नहीं हुए ? यदि हुए तो इनका रिएक्शन क्यों नहीं दिखाई दिया ? क्या लव कुश कमेटी द्वारा लाल किले पर होने वाली रामलीला में संस्कृति की जगह अंग्रेजी में संवाद बोलने पर बीजेपी को कोई आपत्ति नहीं है ? जबकि बीजेपी तो संस्कृत की बहुत बड़ी पक्षधर है। 

ऐसे प्रश्न उठता है कि जब राम और रामलीला के दूर पात्रों को लेकर अनाप शनाप संवाद बोले जाएंगे। रामलीला में अंग्रेजी के वाक्य बोले जाएंगे तो नई पीढ़ी पर राम के विराट व्यक्तित्व का क्या असर पड़ेगा ?  क्या ये ही लोग राम को काल्पनिक बनाने में नहीं लगे हैं ? क्या ये। लोग जो कर रहे हैं उससे राम का अपमान नहीं होगा। तो क्या सीता राम को हाय राम बोलेंगी ? तो क्या राम सीता को हाउ आर यू बोलेंगे ? क्या जब सीता लक्ष्मण पर गुस्सा होंगी तो ब्लडी बास्टोस बोलेंगी ?  क्या रामलीला अंग्रेजी में होने पर  आदि पुरुष की तरह रामलीला में तुच्छ भाषा का इस्तेमाल किया जाएगा ?  

बाकायदा लव कुश कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने इस बार रामलीला में संस्कृत की जगह अंग्रेजी में संवाद बोलने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि इस बार उनकी रामलीला में यूनाइटेड नेशन में आयोजित बुद्धिस्ट फेस्टिवल में बेस्ट एक्टर का अवार्ड विजेता गगन मलिक राम का किरदार करेंगे। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री सिंगर और देश विदेश में 500 से ज्यादा शोज कर चुकीं स्वीटी सीता का किरदार करेंगी। टीवी इंडस्ट्री में अनेक लोकप्रिय सीरियल से अपनी पहचान बना चुके एक्टर दिशांक अरोड़ा लक्ष्मण की भूमिका करेंगे। आखिर अंग्रेजी में संवाद बुलवाकर लव कुश कमेटी क्या साबित करना चाहती है ? कमेटी रामलीला के पात्रों पर तो बड़ा खर्च कर रहे हैं पर जहां रामलीला के माध्यम से भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना चाहिए था वहीं अंग्रेजी में रामलीला कर भारतीय संस्कृति को विकृत किए जाएगा। यह भी जगजाहिर है कि अधिकतर रामलीला कमेटी के लोग बीजेपी से जुड़े हैं। बीजेपी राम के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है तो फिर रामलीला के पात्रों का यह चीरहरण क्यों ? 

उधर लाल किला मैदान 15 से 25 अक्टूबर तक होने वाली रामलीला कमेटी के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने विवादों में रही फिल्म आदि पुरुष के बारे में कहा कि इस तरह की फिल्म बनाकर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जानी चाहिए। ऐसे में प्रश्न उठता है कि खुद अर्जुन कुमार क्या कर रहे हैं ? क्या अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल कर रामलीला का स्वरूप ही नहीं बिगड़ जाएगा ? अर्थ का अनर्थ नहीं हो जाएगा ? जब रावण सीता का अपहरण कर लेता है तो राम लक्ष्मण रोते बिलखते सीता को ढूंढते हैं तो अंग्रेजी में वे क्या संवाद बोलेंगे ? वेहर आर यू सीता ?  

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