64 वें दिन किसान सभा के नेतृत्व में सैकड़ों महिला-पुरुष किसान दिन-रात के धरने पर लगातार जमे हुए हैं, 21 जून को आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद पर हुए हमले के विरोध में जंतर-मंतर पर होने वाले प्रदर्शन में किसान सभा के सैकड़ों किसानों ने हिस्सा देने का ऐलान किया
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नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा। किसान सभा के बैनर तले विभिन्न मांगों को लेकर 24 जून के फैसले के उल्लंघन के विरोध में किसानों ने 18 जुलाई से फिर से धरना-प्रदर्शन शुरू किया है। धरना प्रदर्शन रात दिन चल रहा है। गुरुवार को धरने की अध्यक्षता सतपाल सिंह ने और संचालन सतीश यादव ने किया।
धरने को संबोधित करते हुए पप्पू प्रधान ने कहा यह अभी तक की सबसे निकम्मी सरकार है। सरकार ने मध्यस्थ के तौर पर अपने सांसद को भी नहीं बख्शा है सांसद ने जो किसानों से मध्यस्था कर वादा किया था उसका भी इन्होंने ख्याल नहीं किया है। सांसद सुरेंद्र नागर को धता बताते हुए पूर्व सीईओ रितु माहेश्वरी ने ताजा-ताजा समझौते का उल्लंघन कर दिया। अफसरों ने सांसद सुरेंद्र नागर की प्रतिष्ठा का इस्तेमाल करते हुए ने मध्यस्थ बनाया था। उन्होंने मध्यस्था करते हुए किसानों को हाई पावर कमेटी के गठन पर राजी कर लिया था लिखित समझौते पर किसानों ने सांसद पर विश्वास करते हुए अपने धरने को 15 जुलाई तक स्थगित कर दिया था। जैसे ही किसानों को प्राधिकरण ने अवगत कराया कि हाई पॉवर कमेटी का गठन नहीं किया जा रहा है।
किसानों में आक्रोश फैल गया और 7 जुलाई को किसानों ने उन्हें 18 जुलाई से रात दिन के धरना प्रदर्शन की घोषणा कर दी धरने को संबोधित करते हुए डॉ रुपेश वर्मा ने कहा अभी का धरना सबसे ऐतिहासिक धरना है इस धरने की खासियत यही है कि इस धरने में महिलाओं ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया है दो मौके पर सरकार और प्राधिकरण ने गच्चा खाया है पहले मौके पर अधिकारियों ने सोचा था कि किसानों को गिरफ्तार करने पर धरना खत्म हो जाएगा परंतु 7 तारीख से महिलाओं के नेतृत्व में धरना स्थल पर किसानों ने पुनः कब्जा कर लिया इसी तरह दूसरी गलती सरकार और अधिकारियों ने 24 जून को लिखित में समझौता करके की जिसमें उन्होंने सोचा था कि सांसद और किसान हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे कुछ भी लिख करके देंगे और उससे बाद में मुकर जायेंगे दोबारा धरना शुरू नहीं हो पाएगा। इस तरह अफसर किसानों की परवाह तो पहले से ही नहीं कर रहे थे पर उन्हें सत्ताधारी पार्टी के सांसद की परवाह नहीं कि जिसका खामियाजा ऋतु महेश्वरी को नोएडा और ग्रेटर नोएडा से तबादले के रूप में भुगतना पड़ा सुरेंद्र यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि अबकी बार लड़ाई आर-पार की है नए सीईओ से किसानों को काफी उम्मीदें हैं परंतु किसान समझौते में शामिल सांसद के बिना वार्ता नहीं करेंगे सांसद जी जैसे ही उपलब्ध होंगे वैसे ही किसानों का प्रतिनिधिमंडल प्राधिकरण के अधिकारियों से मिलेगा और बातचीत के नतीजे के आधार पर आगे के आंदोलन की योजना बनाई जाएगी। जगबीर नंबरदार ने कहा कि लड़ाई आर-पार की शुरू की गई है सपा कांग्रेस लोक दल का राष्ट्रीय नेतृत्व कभी भी आने को तैयार है धरने पर 3:00 बजे सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में किसानों ने आकर 64 वें दिन भी समर्थन दिया। धरने को शशांक भाटिया मोहित भाटी सुधीर रावल निशांत रावल सुंदर प्रधान बिजेंद्र नागर आकाश नागर मोहित यादव भीम सिंह नागर सुरेश यादव संजय नागर अमित यादव अजय चौधरी एडवोकेट ने संबोधित किया धरने पर तेजपाल प्रधान सुमित भाटी अमित नागर संदीप भाटी हरेंद्र तिलक जोगेंद्र देवी ब्रह्मपाल सूबेदार राजेश प्रधान यतेंद्र मैनेजर, निरंकार प्रधान हरवीर बसोया, पूनम भाटी कुलदीप भाटी सहित सैकड़ों महिला-पुरुष किसान उपस्थित रहे।